10 अग॰ 2022

Mahatma Jyotiba Phule

                                                                       

     Pro. Sunil Bhoj


                                                            प्राचीनतम कालखंड

                                                  भारत के महाराष्ट्र राज्य मे  सामाजिक  ,धार्मिक , राजकीय , शैक्षणिक  विचारो मे परिवर्तन लाने के लिए  महाराष्ट्र के महात्मा ज्योतिबा फुले , डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर , छत्रपती राजश्री शाहू महाराजइन थोर समाज सुधारक  का  योगदान बहुत बडा है. समाज के दिन दलित गरीब , महिलाओ को  शिक्षा का अधिकार   मिलने मे  महात्मा ज्योतिबा फुले का योगदान बहुत बडा है  इसलिये उनको  महात्मा  की उपाधी दे कर  सम्मानित किया गया है.



                                                      प्राचीनतम भारत मे  अज्ञान ,अंधश्रद्धा  धर्म ,  रूढी और   परंपरा वो  का  बहुत प्रभाव था . जातीभेद वर्णभेद , धर्मभेद का पालन होता था . भारतीय समाज मे महिलाओ का स्थान  निम्न  माना जाता था.उस वक्त समाज मे महिलाओ के हालात बहुत  बुरे थे.  महिला को  शिक्षा का अधिकार नही था . स्वातंत्र्य का अभाव था. सती प्रथा , बाल विवाह पद्धती, दहेज पद्धती , कुमारी माता ,विधवा विवाह बंदी  आदी  समस्या प्रचलीत थी . समाज अज्ञान और अंधश्रद्धा मे डूबा हुआ था . इस हालात मे  समाज मे परिवर्तन लाने के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले ने  समाज मे परिवर्तन लाने के लिए  सामाजिक क्रांती लाने का फैसला किया था .

                                                        महात्मा ज्योतिबा फुले

                           समाज मे परिवर्तन लाने के लिए शिक्षा का होना बहुत जरुरी है  इसलिये उन्होने सार्वत्रिक  शिक्षा का आग्रह क्या था . समाज  के सभी लोगो को जब तक शिक्षा नही मिलती तब तक समाज मे परिवर्तन नही हो सकता .महान विचारवंत  थॉमस पेन  के  मानवाचे हक्क (Rights of Man)  इस ग्रंथ का उन पर बहुत प्रभाव पडा हुआ था . छत्रपती शिवाजी महाराज और जॉर्ज वॉशिंग्टन के विचारो से  महात्मा ज्योतिबा फुले बहुत प्रभावित   थे . समाज के जातीभेद , वर्णभेद , धर्मभेद को उनका कडवा विरोध था . जब तक समाज  मे  उच्च-नीच भेदभाव कम नही होंगे  तब तक  समाज का विकास नही  होंगा  ऐसा  महात्मा ज्योतिबा फुले का मानना था . समाज मे परिवर्तन लाने के लिए  शिक्षा का होना  बहुत जरुरी है .


                                          समाज मे धार्मिक परिवर्तन लाने के लिए उन्होंने 1873  मे  सत्यशोधक समाज की स्थापना पुणे शहर मे की थी . समाज मे सामाजिक  धार्मिक और  शैक्षणिक  परिवर्तन लाने के लिए  सत्यशोधक समाज की अहम भूमिका थी . समाज मे स्वातंत्र्य समता बंधुता और सामाजिक न्याय इस विचारो का  प्रचार और प्रसार करणे मे  महात्मा ज्योतिबा फुले  सबसे आगे थे . समाज मे धार्मिक परिवर्तन लाने के लिए सत्यशोधक समाज  का योगदान बहुत था


                                                         प्राचीन कालखंड मे भारत मे  जातीव्यवस्था, वर्ण व्यवस्था, उच्चनीच भेदभाव का पालन अधिक होता था भारत मे धर्म रूढी परंपरा और अंधश्रद्धा का प्रभाव अधिक था  उसका कारण एक ही है Education  न होना.  उस वक्त शिक्षा का   अभाव था. निरक्षरता की वजह से भारत  मे  सती प्रथा ,बालविवाह , विधवा विवाह बंदी  जैसी अनेक समस्या ग्रामीण समाज मे पाली जाती थी. निरक्षरता की वजहसे भारत मे अंधकार छा गया था  उसी वक्त एक महान थोर समाजसुधारक ने भारत को एक  नई दिशा देने का काम किया था उसका नाम था महात्मा ज्योतिबा फुले.



                                                          महात्मा ज्योतिबा फुले का परिचय


 1). महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म भारत के महाराष्ट्र राज्य मे हुआ था.

 2)  ज्योतिबा फुले का जन्म 1827  मे  महाराष्ट्र के सातारा जिल्हे के एक छोटेसे गाव  कटगुण  मे हुआ था.

3) ज्योतिबा के पिता का नाम  गोविंद  और मा का नाम चिमणाबाई  था.

4)  क्षत्रिय माळी जाती मे उनका जन्म हुआ था.

5) महाराष्ट्र के  पुणे शहर  मे  फुल  बेचने का काम करते थे .

6) ज्योतिबा  गोऱ्हे  उनका  पहिला नाम था लेकिन फुल  बेचने का  काम करते करते उन का नाम  फुले हो गया 

7)19  वि  शतक के   महाराष्ट्र के सबसे ज्यादा श्रेष्ठ थोर समाज सुधारक  माना जाता था .

8)  आधुनिक भारत   के  पहिले महात्मा   उनको कहा जाता है .

9)  महाराष्ट्र के बहुजन समाज  और दलीतो के उद्धार करता   उनको माना जाता है .

10)  भारत के सामाजिक क्रांति के आद्य जनक. उनको माना जाता है.

                                                  

                                                 महात्मा फुले के शैक्षणिक विचार


                                                       भारत मे समाज परिवर्तन लाने मे महात्मा ज्योतिबा फुले का योगदान बहुत था.  समाज मे परिवर्तन लाने के लिए Education  का महत्व महात्मा ज्योतिबा फुले जानते थे . उस वक्त समाज मे अज्ञान ,अंधश्रद्धा , रूढी परंपरा , धार्मिक विधी  को ज्यादा महत्व दिया जाता था . समाज मे अंधकार छा गया था Education  लेने का हक  समाज के उच्च जाती के लोगो को ही था . महिलाओ कोEducation  का अधिकार नही था . सती प्रथा ,बालविवाह , विधवा विवाह बंदी , जरठ कुमारी विवाह , दहेज लेना , महिलाओ को स्वातंत्र्य का अभाव  जैसी अनेक समस्या  समाज मे प्रचलित थी . दिन दलीतो के हालात बहुत बुरे थे . इस हालत मे समाज मे परिवर्तन लाने का एक ही मार्ग था वो था. Education  जब तक समाज के  दिन दलीतो के लोगो को और  महिला को  Education  नही मिलता समाज का विकास नही होगा इसलिये उन्होने  समाज के सभी लोगो को Education  लेने का आग्रह किया .: 

                         

                    महात्मा ज्योतिबा फुले के शैक्षणिक कार्य

महात्मा ज्योतिबा फुले & सावित्रीबाई


1)  पाश्चात्त्य विचारवंत थॉमस पेन  के शैक्षणिक विचार  से महात्मा ज्योतिबा फुले प्रभावित थे .

2) थॉमस पेन का मानवाचे हक्क (Right s of Man)  इस महान ग्रंथ का उन पर ज्यादा प्रभाव पडा था.

3) महात्मा फुले की पत्नी सावित्रीबाई को उन्हो ने पहिले पढाया लिखा या और बाद में   शिक्षिका  का काम सोपा दिया .

4) महात्मा ज्योतिबा फुले  ने  लडकियो के  लिये पहिला स्कूल 1848  मे खोल दिया .


लडकियो के लिये पहिला स्कूल


5) महाराष्ट्र के पुणे मे  बुधवार पेठ के   भिडे वाडा मे लडकियो के लिए  पहिला स्कूल शुरू किया.

6)1851  मी महात्मा ज्योतिबा फुले  ने  लडकियो के शिक्षा के लिए  दुसरा स्कूल  खोल दिया .

7) अस्पृश्य समाज के  लडको के लिए 1852  मे उन्होने  स्कूल खोल दिया.

8) 1853  मी महार मांग जाती के बच्चो के लिए एक स्कूल खोल दिया था.

दिन दलीतो के बच्चो के लिए   स्कूल 


 9)  सार्वत्रिक शिक्षा का आग्रह महात्मा ज्योतिबा फुले  ने किया था.

10) प्राथमिक शिक्षा सबको मुक्त  मे मिलने चाहिये ऐसा उनका मानना था.

11) शेतकरी दिन दलीतो के बच्चो के शिक्षा के वास्ते उनको शिष्यवृत्ती  मिलने चाहिये.

12) प्राथमिक स्कूल के अध्यापक प्रशिक्षित  होना बहुत जरुरी है.

13) स्कूल मे बच्चो को व्यावहारिक ज्ञान मिलना बहुत जरुरी है.

14) बेरोजगारीवर मात करने के लिए व्यवसायिक शिक्षा होना बहुत जरुरी है.

15)  समाज के सभी लोगो को जब Education मिलेगा तभी समाज का विकास होगा.

                                व्यावहारिक  ज्ञान मिलना बहुत जरुरी है                                                         

                                                   इस प्रकार के Education  के बारे मे महात्मा ज्योतिबा फुले के विचार थे  इसलिये उन्होने Education  से ही समाज मे विकास हो सकता है. Education  से समाज मे परिवर्तन हो सकता है ऐसा उनका आग्रह  था.


                                  महात्मा ज्योतिबा फुले के सामाजिक कार्य

1) अस्पृश्य समाज के  लिये  उन्होने 1853  मेमंडळी  नाम की एक संस्था  शुरू की थी.

2) महात्मा ज्योतिबा फुले  ने  पुणे शहर मे  सत्यशोधक समाज की  स्थापना 1873  मे की थी.

3) महात्मा ज्योतिबा फुले ने  सती प्रथा का विरोध किया था .

4) पुरुष और महिला को  समान अधिकार मिलना चाहिए  ऐसे महान विचार महात्मा फुले के थे .

5) बालविवाह , विधवा विवाह बंदी जैसी प्रथा को महात्मा ज्योतिबा फुले का कडवा विरोध  था .

6) विधवा विवाह  का पुरस्कार करके उन्होने  समाज मे जनजागृती निर्माण  करने का प्रयास किया था.

7)केशव पण के प्रथा का कडवा विरोध किया था .

8)महात्मा ज्योतिबा फुले ने 1863   मे  बाल हत्या प्रतिबंधक गृह  की   स्थापना की थी .

9) विधवा आश्रम  का निर्माण महात्मा ज्योतिबा फुले ने किया था .

10) समाज के दिन दलित और गरीब  बच्चो को रहने के लिए अनाथालय का निर्माण किया था .

11) शेतकऱ्यांचा आसूड  इस ग्रंथ का निर्माण महात्मा ज्योतिबा फुले ने किया था .

12) महात्मा ज्योतिबा फुले का निधन 1890 मे हुआ था.


मेरे प्यारे  दोस्तो , 

 इस आर्टिकल मे मैने  महाराष्ट्र के एक थोर समाज सुधारक  महात्मा ज्योतिबा फुले का परिचय , प्राचीनतम कालखंड मे  महिलाओ को  शिक्षा  और  स्वातंत्र्य का  अभाव था. उस समय महात्मा ज्योतिबा फुले ने  महिलाओ के लिए  पहला स्कूल खोल दिया था. दिन दलीतो के लिये पाठशाला  , स्कूल खोल दिया था. समाज मे परिवर्तन लाने के लिए सत्यशोधक समाज की स्थापना की थी  इस प्रकार मैने  महात्मा ज्योतिबा फुले के शैक्षणिक सामाजिक कार्य की जानकारी देने का प्रयास किया है उम्मीद है ये जानकारी   आप शेअर करते  रहे और ये जानकारी अपने दोस्तो को भी देना जरुरी है इसलिये लाईक करे शेअर करे.

                                                           

                           Thanks All friends


14 टिप्‍पणियां:

  1. Very nice written Sir, To spread thoughts of legendary social reformers too is a social work for teachers.
    Thank you very much

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राजा राममोहन रॉय

                                                                                                                                राजा  राममोह...