थोर समाज सुधारक
महर्षी धोंडो केशव कर्वेभारत देश मे Educational और सामाजिक विकास लाने मे राजा राम मोहन रॉय, स्वामी दयानंद सरस्वती, रवींद्रनाथ टागोर, महात्मा गांधी, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन , महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपती राजश्री शाहू महाराज, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महर्षी धोंडो केशव कर्वे इन थोर समाज सुधारक का बहुत बडा योगदान था .
महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने महिला Education और विधवा महिला के जीवन मे परिवर्तन लाने के लिए बहुत बडा योगदान दिया था . महाराष्ट्र के थोर समाज सुधारक गोपाळ गणेश आगरकर , गोपाळ कृष्ण गोखले के शैक्षणिक और सामाजिक विचारो का प्रभाव महर्षी धोंडो केशव कर्वे पर पड गया था. महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने महिला Education और विधवा महिलाओ के लिए जो काम किया थाइसलिये भारत सरकारने महर्षी धोंडो केशव कर्वे को भारत का सर्वोच्च किताब भारतरत्न 1958 मे देकर उनके कार्य का गौरव किया था.
प्राचीनतम कालखंड
प्राचीन कालखंड मे भारत मे जातिभेद ,धर्मभेद , वर्णभेद , उच्च-नीच भेदभाव , अज्ञान अंधश्रद्धा का प्रभाव अधिक था. भारतीय समाज मे Education लेने का हक सिर्फ समाज के उच्चवर्णीय को ही था.समाज मे महिलाओ का स्थान दुय्यम माना जाता था. महिला को Education लेने का हक नही था. भारतीय समाज मे अज्ञान और अंधश्रद्धा के कारण सती प्रथा, बाल विवाह , केशव पण, बालविधवा, विधवा विवाह बंदी जैसी अनेक समस्या भारतीय समाज मे प्रचलित थी. विधवा महिला के हालात बहुत बुरे थे . समाज मे विधवा महिला को ना मान था ना सन्मान था.Education और स्वातंत्र्य का अभाव होने के कारण भारतीय समाज मे अंधकार छा गया था इसलिये महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने महिलाओ के शैक्षणिक और सामाजिक विकास के लिये स्कूल ,महाविद्यालय और विद्यापीठ की स्थापना की थी.
भारत देश मे सामाजिक परिवर्तन लाने के लिये सबको Education मिलना बहुत जरुरी है . देश का सामाजिक और Educational विकास करने के लिए महिलाओ को Education मिलना बहुत जरुरी है तभी देश का आर्थिक-सामाजिक और Educational विकास हो सकता है इसलिए जब तक महिलाओ का विकास नही होगा तब तक देश मे सामाजिक परिवर्तन नही होनेवाला है ऐसे महान विचार महर्षी धोंडो केशव कर्वे के Education के बारे मे थे.
भारतीय समाज मे बाल विवाह के कारण बालविधवा समस्या बहुत गंभीर बन चुकी थी. विधवा को समाज मे मान-सन्मान नही था. स्वातंत्र्य और Education का अभाव होने के कारण विधवा की अवस्था बहुत ही दयनीय थी. विधवा को पुनर्विवाह करने का हक नही था इसलिये महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने समाज के रीतीरिवाज को ठुकरा कर पंडिता रमाबाई के शारदा सदन के गोदूबाई नामक बाल विधवा से उन्होने पुनर्विवाह किया था.
महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने महिलाओ को साक्षर और स्वावलंबी बनाने के लिए महिला विद्यालय की शुरुवात की थी. विधवा को आश्रय देणे के लिये महिलाश्रम की स्थापना की थी. महिला को साक्षर और स्वावलंबी बनाने के लिये उन्होने (S.N.D.T.) महिला विद्यापीठ की शुरुवात की थी. महिला और विधवा के लिये महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने बहुत बडा योगदान दिया था इसलिये उनको महिलाओ के उद्धारक और विधवा के आश्रयदाता माना जाता है.
जब देश के सभी महिलाओ को Education मिलेगा तभी देश की प्रगती हो सकती है..... महर्षी धोंडो केशव कर्वे
परिचय
1) महर्षी धोंडो केशव कर्वे का जन्म 18 एप्रिल 1858 मे महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिल्ह्य मे शेरवली गाव मे हो गया था.
2) महर्षी धोंडो केशव कर्वे का प्राथमिक शिक्षण मुरुड गाव मे हो गया था.
3) महर्षी धोंडो केशव कर्वे का माध्यमिक शिक्षण रत्नागिरी मे हुआ था.
4) महर्षी धोंडो केशव करवे की पहिली पत्नी का नाम राधाबाई और दूसरी पत्नी का नाम गोदूबाई था.
5) 1873 म महर्षी धोंडो केशव कर्वे की राधाबाई से शादी हो गई थी.
6) महर्षी धोंडो केशव कर्वे 1881 मॅट्रिक की परीक्षा पास हो गये थे .
7) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने मुंबई के विल्सन कॉलेज से 1884 मे बी. ए. पास हो गये थे.
8) पुणे के फर्ग्युसन महाविद्यालय मे गणित के प्राध्यापक बनकर काम किया था.
9) महर्षी धोंडो केशव कर्वे 1892 मे पुना के डेक्कन एजुकेशन सोसायटी के आजीव सभासद बन गये थे.
10) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1893 मे गोदूबाई से शादी की थी.
11) महर्षी धोंडो केशव कर्वे को अण्णा नाम से लोग पहचानते थे.
12) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1916 मे महिलाओ के लिये महिला विद्यापीठ की स्थापना की थी.
13) महर्षी धोंडो केशव कर्वे को 1955 मे भारत सरकारने पद्मविभूषण बहाल किया था.
14) महर्षी धोंडो केशव कर्वे को 1958 मे भारत सरकारने भारतरत्न कर उनके कार्य का गौरव किया था.
15) महर्षी धोंडो केशव कर्वे महाराष्ट्र के पहिले थोर समाज सुधारक थे जिनको भारत का सर्वोच्च भारतरत्न किताब मिल गया था.
16) महर्षी धोंडो केशव कर्वे को बनारस और पुना विद्यापीठ से डी. लिट. पदवी मिल गई थी.
17) महर्षी धोंडो केशव कर्वे का 9 नोव्हेंबर 1962 मे निधन हो गया था.
महर्षी धोंडो केशव कर्वे का शैक्षणिक कार्य
1) विधवा महिला ओ के विकास के लिए महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1898 मे महिलाश्रम नाम की संस्था पुना शहर मे खोल दी थी.
2) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1899 मे पुना मे अनाथ बालिकाश्रम की शुरुवात की थी.
3) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1907 मे हिंगणे गाव मे महिला विद्यालय की स्थापना की थी.
महिला विद्यालय हिंगणे4) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1908 मे निष्काम कर्ममठ की स्थापना की थी.
5) विधवा और महिलाओ के Educational विकास के लिये महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1916 मे महिला विद्यापीठ की स्थापना की थी.
6) श्रीमती नथु बाई दामोदर ठाकरसी (S.N.D.T.) नाम से ये विद्यापीठ महाराष्ट्र मे प्रसिद्ध हे.
श्रीमती नथु बाई दामोदर ठाकरसी (S.N.D.T.)7) ग्रामीण समुदाय की महिलाओ के लिए महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने ग्राम प्राथमिक शिक्षण मंडळ की स्थापना की थी.
8) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने महिला और विधवा के. Educational विकास के लिये ग्रामीण समुदाय मे स्कूल खोल दिया था.
महिला विद्यालय
9) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1917 मे प्राथमिक अध्यापक प्रशिक्षण महाविद्यालय की शुरुवात की थी.
महर्षी धोंडो केशव कर्वे के सामाजिक कार्य
1) महर्षी धोंडो केशव कर्वे बालविवाह का प्रखर विरोध किया था.
2) भारतीय समाज मे विधवा महिला ओ को उचित मानसन्मान मिलना चाहिए ऐसा उनका आग्रह था.
3) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने सती प्रथा का प्रखर विरोध किया था.
4) महर्षी धोंडो केशव कर्वे विधवा ओ की समस्या देखकर बहुत परेशान हो गये थे इसलिये उन्होने विधवा को पुनर्विवाह करने का हक मिलना चाहिये ऐसा उनका आग्रह था.
5) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1893 मे विधवा विवाह उत्तेजक मंडळी नाम की संस्था स्थापन कि थी.
6) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1893 पंडिता रमाबाई के शारदा सदन के गोदुबाई ( बालविधवा) से पुनर्विवाह किया था.
7) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1896 मे अनाथ बालिकाश्रम की स्थापना पुना मे की थी.
8) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1898 मे विधवा महिलाओ के लिए महिलाश्रम की स्थापना की थी.
महिलाश्रम9) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने जातिभेद ,धर्मभेद, वर्णभेद, अज्ञान और अंधश्रद्धा को कडवा विरोध किया था.
10) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने समाज मे परिवर्तन लाने के लिए मानवी समता नामक साप्ताहिक खोल दिया था.
11) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने आत्मवृत्त नाम का आत्मचरित्र लिखा था.
12) महर्षी धोंडो केशव कर्वे ने 1944 मे समता संघ की स्थापना की थी.
13) महर्षी धोंडो केशव कर्वे को महिलाओ के उद्धारक और विधवा के आश्रयदाता माना जाता है
विधवा महिलाश्रममहाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध थोर समाज सुधारक, विचारवंत, महिलाओ के उद्धारक और विधवा के आश्रयदाता महर्षी धोंडो केशव कर्वे को मानते है. महाराष्ट्र के सामाजिक और Educational के विकास के लिये महर्षी धोंडो केशव कर्वे का योगदान बहुत बडा है इसलिये ऐसे महान थोर समाज सुधारक को
विनम्र अभिवादन
.मेरे प्यारे दोस्तो,
इस आर्टिकल मे मैने महाराष्ट्र के एक थोर समाज सुधारक महर्षी धोंडो केशव कर्वे के सामाजिक और Educational कार्य की जानकारी देने का प्रयास किया है. मुझे यकीन है की आप सभी को मेरा आर्टिकल बहुत बहुत पसंद आनेवाला है. आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तो के साथ शेअर करना मत भूलना . ये जानकारी अपने दोस्त के किसी काम आ सकती है इसलिये अपने दोस्तो को शेअर करते रहना........ शेअर..करते रहना...... फिर मिलेंगे नये आर्टिकल के साथ ....... http://prsunilbhoj.blogspot.com/2022/08/dr-babasaheb-ambedkar_14.html
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