कर्मवीर भाऊराव पाटील
भारत देश के इतिहास मे Education के लिये महात्मा गांधी , राजा राम मोहन रॉय, स्वामी दयानंद सरस्वती, महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपती शाहू महाराज, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, महर्षी धोंडो केशव कर्वे और कर्मवीर भाऊराव पाटील का योगदान बहुत बडा है.
कर्मवीर भाऊराव पाटील ने महाराष्ट्र के Educational परिवर्तन के लिये समाज मे जागृती निर्माण करने का प्रयास किया था . समाज मे आर्थिक, सामाजिक , शैक्षणिक और राजकीय परिवर्तन लाने के लिये Education दीन ,दलित ,गरीब और किसान को मिलना चाहिए . बहुजन समाज के विकास के लिये Education मिलना बहुत जरुरी है . समाज मे परिवर्तन लाने के लिये Education एक बहुत बडा साधन है इसलिये कर्मवीर भाऊराव पाटील ने बहुजन समाज के विकास के लिये Education देने का महान कार्य किया था.
कर्मवीर भाऊराव पाटील परिचय
1) कर्मवीर भाऊराव पाटील का जन्म 22 सप्टेंबर1887 मे महाराष्ट्र के कोल्हापूर जिले के कुंभोज गाव मे हुआ था.
2) कर्मवीर भाऊराव पाटील का गाव महाराष्ट्र के सांगली जिल्हे मे ये तवडे था.
3) कर्मवीर भाऊराव पाटील के पत्नी का नाम लक्ष्मीबाई था
4) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने पत्नी लक्ष्मीबाई के गहने बेचकर वसतिगृह चलाया था.
5) कर्मवीर भाऊराव पाटील के पिताजी का नाम पायगोंडा पाटील और मा का नाम गंगाबाई था.
6) कर्मवीर भाऊराव पाटील का प्राथमिक शिक्षण विटे इस गाव मे हुआ था.
7) कर्मवीर भाऊराव पाटील का माध्यमिक शिक्षण कोल्हापूर के राजाराम माध्यमिक स्कूल मे हुआ था.
8) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1910 मे सांगली जिल्हे के दूध गाव मे दुधगाव विद्या प्रसारक मंडळ की स्थापना की थी.
9) कर्मवीर भाऊराव पाटील सत्यशोधक समाज के एक महत्त्वपूर्ण कार्यकर्ता थे.
10) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1919 मे सातारा जिल्हे के कार्ले गाव मे रयत शिक्षण संस्था की स्थापना की थी.
11) कर्मवीर भाऊराव पाटील को भारत सरकारने 1959 मे पद्मभूषण देक र उनके कार्य का गौरव किया था.
12) बहुजन समाज के लोगो ने भाऊराव पाटील के Educational कार्य के योगदान के लिए उनको कर्मवीर पदवी बहाल कि थी.
13) कर्मवीर भाऊराव पाटील' को डि. लीट'. इस पदवी से पुना विद्यापीठ ने सन्मानित किया था.
14) कर्मवीर भाऊराव पाटील का निधन 9 मे 1959 मे महाराष्ट्र के पुना शहर मे हुआ था.
प्राचीनतम कालखंड
प्राचीन कालखंड मे समाज मे जात , धर्म , वंश , वर्णभेद के आधार पर Education मिलता था. समाज के दिन दलित , गरीब और किसान के बच्चो को Education का हक नही था .समाज मे परिवर्तन लाने के लिए Education सबको मिलना बहुत जरुरी है. जब तक दीन दलित बहुजन समाज और किसानों को Education नही मिलेगा तब तक समाज मे विकास नही हो सकता इसलिये कर्मवीर भाऊराव पाटील ने महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र मे गाव गाव मे स्कूल स्थापन करने के लिये रयत शिक्षण संस्था की स्थापना की थी. कर्मवीर भाऊराव पाटील ने ग्रामीण क्षेत्र मे ज्ञान की गंगा गाव गाव मे पहुचाने के लिए रयत शिक्षण संस्था के माध्यम से प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल ग्रामीण क्षेत्र मे खोलकर Education का महान कार्य करने के लिए उनको "आधुनिक भगीरथ" कहा जाता है.
कर्मवीर भाऊराव पाटील के शैक्षणिक विचार
महात्मा गांधी , महात्मा ज्योतिबा फुले व छत्रपती शाहू महाराज के शैक्षणिक और सामाजिक विचारो का प्रभाव कर्मवीर भाऊराव पाटील पर पड गया था. छत्रपती शाहू महाराज के Educational विचारो से कर्मवीर भाऊराव पाटील बहुत प्रभावित हो गये थे. समाज मे परिवर्तन लाने के लिए Education दीन दलित बहुजन समाज और किसानों को मिलना बहुत जरुरी है.Education समाज परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण साधन हे.
कर्मवीर भाऊराव पाटील ने बहुजन समाज के लोगो को Educational मूलमंत्र दिया था .
"कमावो और सिखो "
"स्वावलंबी शिक्षा" यही रयत शिक्षण संस्था ब्रीद हे.
Earn While you Learn इन तत्व का पालन करना
बहुत जरुरी है.
कर्मवीर भाऊराव पाटील को "आधुनिक भगीरथ "के नाम से महाराष्ट्र
की जनता जानती है. महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र मे रयत शिक्षण संस्था के माध्यम से ज्ञान की
गंगा पहुचाने का महान कार्य कर्मवीर भाऊराव पाटील ने किया था इसलिये उनको"
'' कर्मवीर "कहा जा ता है.
कर्मवीर भाऊराव पाटील ने महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र मे गाव गाव
स्कूल खोल दिया था. ग्रामीण क्षेत्र मे शिक्षा की कोई सुविधा नही थी. अज्ञान और अंधश्रद्धा के कारण गाव
गाव मे जात ,धर्म ,वंश , वर्णभेद का पालन होता था . महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र मे परिवर्तन लाने के लिए
Education बहुत जरुरी था इसलिये अगर Education लेनेका है तो खुद मेहनत करके कमlओ
और सिखो ऐसा महान संदेश कर्मवीर भाऊराव पाटील ने दिया था. ग्रामीण क्षेत्र के Education के
लिए उनका योगदान बहुत बडा था इसलिये कर्मवीर भाऊराव पाटील को ग्रामीण शिक्षा
आंदोलन के जनक कहा जाता है.
कर्मवीर भाऊराव पाटील शिक्षा को ही अपना कर्म मानते थे और समाज सेवा को ही धर्म मानते थे .
कर्मवीर भाऊराव पाटील का शैक्षणिक योगदान
1) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने महाराष्ट्र के सांगली जिल्हे के दुधगाव मे 1910 मे " दुधगाव विद्या प्रसारक मंडळ " की स्थापना की थी.
2) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने दुधगाव मे " दुधगांव विद्यार्थी आश्रम "की शुरुवात की थी.
3) कर्मवीर भाऊराव पाटील मे दुधगाव के हॉस्टेल मे मराठा, महार , मुसलमान ,मांग जात के विद्यार्थियों की रहने की व्यवस्था की थी.
4) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1919 मे सत्यशोधक परिषद अधिवेशन मे ग्रामीण क्षेत्र मे शिक्षण संस्था स्थापन करणे का प्रथम आग्रह किया था.
5) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 5 ऑक्टोबर 1919 मे सातारा जिल्हे के क-हाड गाव के पास कार्ले गाव मे" रयत शिक्षण संस्था " की स्थापना कि थी.
6) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1924 मे सभी जात धर्म, वंश, पंथ के विद्यार्थियों के लिए सातारा शहर मे छत्रपती शाहू महाराज बोर्डिंग हाऊस की स्थापना की थी.
7) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1932 मे पूना शहर मे "युनियन बोर्डिंग हाऊस " की स्थापना की थी.
8) 1933 मे कर्मवीर भाऊराव पाटील के शाहू महाराज बोर्डिंग को बडोदा के सयाजीराव गायकवाड महाराज ने आर्थिक मदत कि थी.
9) अध्यापक को प्रशिक्षण देने के लिए कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1935 मे सातारा शहर मे सिल्व्हर जु बिली रुरल ट्रेनिंग कॉलेज की स्थापना की थी.
10) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1937 मे सातारा जिल्हे के ग्रामीण क्षेत्र मे प्राथमिक शिक्षा का आरंभ किया था.
11) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने रयत शिक्षण संस्था के माध्यम से 1938 मे 61 प्राथमिक स्कूल की स्थापना की थी.
12) 1938 मे रयत शिक्षण संस्था की माध्यम से पहिली बार व्हॉलंटरी प्राथमिक स्कूल की शुरुवात यवतेश्वर इस ग्रामीण क्षेत्र से शुरू वात कि थी.
13) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1940 मे सातारा शहर मे पहिला माध्यमिक स्कूल " महाराजा सयाजीराव गायकवाड फ्री अँड रेसिडेन्शियल हायस्कूल "की शुरुवात की थी.
14) 1940 रयत शिक्षण संस्था के माध्यम से 168 प्राथमिक स्कूल की शुरुवात की थी.
15) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1942 मे जिजामाता अध्यापक स्कूल की स्थापना की थी.
16) 1947 मे कर्मवीर भाऊराव पाटील ने सातारा शहर मे छत्रपती शिवाजी महाराज
महाविद्यालय की स्थापना करके महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र मे उच्च शिक्षा देने वाला बम्बई
प्रांत का पहिला महाविद्यालय सातारा शहर मे खोलकर उच्च शिक्षा का आरंभ किया था.
17) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1949 मे" रयत शिक्षण संस्था "के माध्यम से 578 प्राथमिक स्कूल की स्थापना की थी.
18) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1954 मे उच्च शिक्षा देने के लिए कराड शहर मे दुसरा महाविद्यालय संत गाडगे महाराज नाम से खोल दिया था.
19) 1955 मे मौलाना आझाद नाम से सातारा शहर मे बी . एड. कॉलेज की शुरुवात की थी.
रयत शिक्षण संस्था की महाराष्ट्र के कोल्हापूर , रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग , सातारा, सांगली , सोलापूर, पुणे , ठाणे , रायगड , मुंबई , अहमदनगर ,नाशिक , बीड जिल्हे मे शाखा का विस्तार हो गया है . रयत शिक्षण संस्था के 320 हायस्कूल ,29 महाविद्यालय ,572 प्राथमिक स्कूल और वस्तीग्रह है . रयत शिक्षण संस्था महाराष्ट्र और भारत की सबसे बडी शिक्षण संस्था नही बलकी पुरे आशिया खंड मे इतनी बडी संस्था नही है . रयत शिक्षण संस्था का मुख्य कार्यालय सातारा शहर मे है . कर्मवीर भाऊराव पाटील ने महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र मे शिक्षा का बहुत बडा योगदान दिया था मगर भाऊराव पाटील अपने आप को रयत सेवक ही मानते थे इसलिये उनको कर्मवीर कहा जाता है.
इस महान थोर समाज सुधारक, बहुजन उद्धारक,रयत सेवक ,
रयत शिक्षण संस्था के संस्थापक को
विनम्र अभिवादन
इस आर्टिकल मे महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र मे शिक्षा की गंगा पहुचाने वाले एक महान थोर समाज सुधारक , विचारवंत , रयत शिक्षण संस्था के संस्थापक कर्मवीर भाऊराव पाटील ने प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक स्कूल , उच्च महाविद्यालय , वरिष्ठ महाविद्यालय खोलकर ग्रामीण क्षेत्र मे रहने वाले विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा के लिए जो योगदान उन्होने दिया था उनकी जानकारी देने का मैने प्रयास किया है . मुझे यकीन है की आप सभी को मेरा यह आर्टिकल बहुत पसंद आनेवाला है . इस आर्टिकल से मिलने वाली जानकारी आपके किसी दोस्त के काम आ सकती है इसलिये आप सभी दोस्तो को शेअर करते रहना ........ शेअर करते रहना............................................. फिर मिलते है ..... फिर मिलते है . नये आर्टिकल के साथ ,........... नीचे दिये हुये लिंग को क्लिक करके ....................................................................
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