17 अक्टू॰ 2022

छत्रपती शाहू महाराज

 


छत्रपती शाहू महाराज


                                                                                 भारत देश के महाराष्ट्र राज्य मे आर्थिक , सामाजिक  ,सांस्कृतिक  ,शिक्षा  और राजकीय  क्षेत्र मे  परिवर्तन लाने के लिए  महात्मा ज्योतिबा फुले , कर्मवीर भाऊराव पाटील , महर्षी धोंडो केशव कर्वे , डॉ .  बाबासाहेब आंबेडकर और  छत्रपती शाहू महाराज का योगदान बहुत बडा था.


                                                                                         कोल्हापूर महाराष्ट्र राज्य का एक  ऐतिहासिक शहर , कला  ,साहित्य ,संस्कृती , ऐतिहासिक वास्तू  और धार्मिक स्थल के लिए बहुत प्रसिद्ध है . कोल्हापूर  "वस्तीग्रह  "की  आद्य जननी मानी जाती है . कोल्हापूर को  "पहलवानो का शहर  "माना जाता है .गुड  की सबसे बडी  बाजार पेठ यही है . कोल्हापूर के ऐतिहासिक पुरातन  मंदिर मे  महालक्ष्मी का दर्शन लेने के लिए  देश-विदेश  से लाखो पर्यटक  कोल्हापूर मे आते है और   छत्रपती शाहू  महाराज पॅलेस का  नजारा देखकर बहुत खुश होते है . कोल्हापूर मे गुड की बहुत  बडी बाजार पेठ है . कोल्हापूर मे रंकाला झील देखने के बाद  कोल्हापूर के पास ही  पन्हाळा का नजारा देखकर  और ज्योतिबा के दर्शन लेने के बाद   मन मंत्रमुग्ध हो जाता है .


                                        छत्रपति शाहू महाराज के शैक्षिक विचार

 

                                                                     भारत देश मे दीनदलित  और बहुजन समाज के लोगो को Education  लेने का  हक नही था . समाज के सिर्फ उच्चवर्णीय को Education  मिलता था. भारत देश मे  जातिभेद , वंशभेद , धर्मभेद , वर्णभेद का पालन  किया जाता था . अज्ञान अंधश्रद्धा के कारण  समाज मे अंधकार छा गया था . बहुजन समाज  के लोगो को जब तक Education  नही मिलेगा तब तक समाज मे परिवर्तन नही हो सकता ऐसे महान विचार  छत्रपती  शाहू महाराज के थे.


                                                                        छत्रपती शाहू महाराज  ने  कोल्हापूर संस्थान मे  दीनदलित और बहुजन समाज के लोगो   को Education  देने के लिए  स्कूल  , कॉलेज और उच्च शिक्षा के लिए  महाविद्यालय खोल दिया था. समाज मे  आर्थिक-सामाजिक, सांस्कृतिक, राजकीय और शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए Education  सब लोगो को मिलना बहुत जरुरी है.

                                             

                         छत्रपति शाहू महाराज का परिचय


 1)छत्रपती शाहू महाराज का जन्म 26  जून 1874 मे कोल्हापूर जिल्हे  के कागल गाव मे हुआ       था.

2) छत्रपती शाहू महाराज के पिताजी का नाम  जयसिंगराव और मा का नाम राधाबाई था.

3) छत्रपती शाहू महाराज के पिताजी कागल के जहागीरदार जयसिंगराव आबासाहेब घाटगे         थे.

4) छत्रपती शाहू महाराज को  कोल्हापूर की राणी आनंदीबाई ने 1884   मे  गोद लिया था.

5) छत्रपती शाहू महाराज का नाम यशवंतराव जयसिंगराव घाटगे  था.

6) छत्रपती शाहू महाराज का विवाह लक्ष्मीबाई के साथ 1891 मे हुआ था.

 7)  छत्रपती शाहू महाराज  कोल्हापुर  राज्य के राजे 1894   मे  बन गये थे.

8) छत्रपती शाहू महाराज छात्र  छात्रवासो के  जनक माने जाते है.

9) कोल्हापूर को वस्तीग्रह कि  आद्य जननी मानी जाती है. 

10) छत्रपती शाहू महाराज  ने  मराठा छात्रो के लिए "व्हिक्टोरिया मराठा बोर्डिंग "की                  स्थापना 1901 मे की थी.


 11) डॉ .बाबासाहेब आंबेडकर को  उनकी उच्च शिक्षा के लिए शाहूमहाराज  ने  आर्थिक रूप         से मदद की थी.

12) छत्रपती शाहू महाराज  को  कानपुर के अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय जात के परिषद मे          1919 को  राजर्षी  पदवी बहाल कि थी.

13) छत्रपती शाहू महाराज का निधन 29  मे 1922 मे हुआ था. 


                                                     छत्रपती शाहू महाराज  महात्मा ज्योतिबा फुले के विचारो से   बहुत प्रभावित थे.महात्मा ज्योतिबा फुले के  सत्यशोधक समाज के विचारो से  छत्रपती शाहू महाराज  प्रभावित हो कर उन्होने  कोल्हापूर मे 1911 को  सत्यशोधक समाज की शाखा स्थापन की थी. छत्रपती शाहू महाराज  पर आर्यसमाज के विचारो का भी प्रभाव था  इसलिये उन्होने  राजाराम स्कूल और राजाराम कॉलेज चलाने के लिए  आर्य समाज का योगदान लिया था. छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापूर मे आर्यसमाज की शाखा स्थापन की थी.


                                                           सम्राट अकबर के हिंदू-मुस्लीम ऐक्य के विचारो से प्रभावित हो कर  छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापूर संस्थान मे धर्मनिरपेक्ष कार्य किया था. छत्रपती शाहू महाराज सामाजिक लोकशाहीचे आधारस्तंभ माने जाते  हे .छत्रपती शाहू महाराज  ने  समाज मे आर्थिक, सामाजिक,  सांस्कृतिक और  शिक्षा  क्षेत्र मे  जो परिवर्तन लाया था इसलिये उनको नवयुग का राष्ट्रीय व्यक्ती माना जाता है


.                      दीनदलित और बहुजन समाज के उद्धारक छत्रपती शाहू                     महाराज  थे.


       छत्रपती शाहू महाराज सामाजिक लोकशाहीचे आधारस्तंभ थे

                                                                                                                                     डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर


                                              शाहू महाराज के शैक्षिक कार्य

 

1) छत्रपती शाहू महाराज ने 1897 मे  सभी hi जात धर्म के छात्रो के लिए वस्तीगृह का निर्माण         किया था.

2) 1901   मे छत्रपती  शाहू महाराज  ने  व्हिक्टोरिया मराठा बोर्डिंग की शुरुवात की थी.

3) छत्रपती शाहू महाराज ने 1901 मे दिगंबर जैन बोर्डिंग की शुरुवात की थी.

4)1907 मे  दीन-दलित छात्रो के लिये कोल्हापूर शहर में "मिस क्लार्क बोर्डिंग ,"की स्थापना        की थी.

5) 1913 मे छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापुरी राज्य के   गाव गाव मे  प्राथमिक स्कूल खोल       देने का आदेश दिया था.

6) 1915 मे  (इंडियन ख्रिश्चन  वस्तीगृह) ,1918  मे     (वैश्य  होस्टेल),  (आर्य समाज                     होस्टेल),    1919 मे  (ढोर चांभार होस्टेल) छत्रपती शाहू महाराजांनी खोल दिया था.

 7) 1918 छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापुरी राज्य मे मुक्त और अनिवार्य शिक्षा का आदेश         दिया था.

8) शिवाजी वैदिक बोर्डिंग  (1920),    सुतार बोर्डिंग.  ,नाभिक बोर्डिंग,   देवांग         बोर्डींग  हाऊस,   भोई समाज बोर्डिंग,  राजपुतवाडी बोर्डिंग(1921)    छत्रपती शाहू महाराज    ने बहुजन समाज के लिये खोल दिया था.

 9) कोल्हापूर "वस्तीग्रह की  आद्य जननी "मानी जाती है इसलिये कोल्हापूर शहर को "मदर          ऑफ स्टुडंट्स होस्टेल"  के नाम से लोग जानते है.

 10) छत्रपती शाहू महाराज ने पुना ,नाशिक, अहमदनगर, पंढरपूर और नागपूर के वसतिगृह         को भी आर्थिक  मदद की थी.

 11) छत्रपती शाहू महाराज पुना  के डेक्कन एज्युकेशन सोसायटी के अध्यक्ष थे और इस               संस्था को उन्होने आर्थिक रूप मे मदद की थी.

12) छत्रपती शाहू महाराज ने  मराठा ,जैन, लिंगायत, ख्रिश्चन, मुस्लिम जात  के अलग अलग          वसतिगृह का निर्माण किया था इसका कारण था की हर जाती के छात्रो को संधि मिलनी          चाहिये.

13) छत्रपती शाहू महाराज  ने सभी जात , धर्म के छात्रो को शिष्यवृत्ती की शुरुवात की थी.

14) छत्रपती शाहू महाराज ने  शिवाजी क्षत्रिय वैदिक स्कूल, कुलकर्णी , पाटील स्कूल,                   औद्योगिक स्कूल, सैनिक स्कूल, संस्कृत स्कूल, सत्यशोधक स्कूल, युवराज स्कूल की                स्थापना की थी.

15) छत्रपती शाहू महाराज  ने "व्यवसायिक शिक्षा "पर भर दिया था.

16) छत्रपती शाहू महाराज ने  "अध्यापक प्रशिक्षण केंद्र "की शुरुवात की थी.

17) छत्रपती शाहू महाराज महिला शिक्षा के पुरस्कर्ता थे इसलिये उन्होने कोल्हापूर के शिक्षा         अधिकारी पदी महिला को स्थान दिया था.

18) छत्रपती शाहू महाराज ने  हिंगणे के ,"महिला आश्रम "को आर्थिक मदद की थी.

19) छत्रपती शाहू महाराज ने  कृष्णाबाई  केवळकर महिला के उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक            मदद की थी.

 20) छत्रपती शाहू महाराज ने डॉ .बाबासाहेब आंबेडकर को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक रूप        से मदद की थी.

21) छत्रपती शाहू महाराज ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के "मुकनायक साप्ताहिक" को                 आर्थिक रूप से मदद कि थी.

 22) छत्रपती शाहू महाराज ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के निर्माण में आर्थिक रूप से                    योगदान दिया था.

23) महाराष्ट्र के अमरावती के डॉ. पंजाबराव देशमुख  की शिक्षा  संस्था को छत्रपती शाहू                महाराज ने आर्थिक रूप से सहाय्यता कि थी.

24) छत्रपती शाहू महाराज ने  कोल्हापूर, पुना, अहमदाबाद, नागपुर मे वस्तीग्रह की शुरुवात          की थी.

25) छत्रपती शाहू महाराज ने  कोल्हापूर को उच्च शिक्षा का केंद्रबिंदू बनाया था.


                                     शाहू महाराज के सामाजिक कार्य


 1) छत्रपती शाहू महाराज ने दीनदलित  और बहुजन समाज के विकास के लिये सरकारी             नौकरी में 50  टक्का राखीव जागा  की घोषणा 1902 मे कि थी.

 2) छत्रपती शाहू महाराज ने एक टेक्सटाईल मिल की स्थापना1907 मे कि थी.

 3) छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापूर के पास भोगावती नदी मे 1908 मे ," महाराणी                   लक्ष्मीबाई तालाब" का निर्माण किया था.

4)  1911  मे शाहू महाराज ने  कोल्हापूर मे सत्यशोधक समाज की पुनर्स्थापना कि थी.

5)  1916 मे छत्रपती शाहू महाराज ने बहुजन समाज के विकास के लिये "डेक्कन रयत संस्था"

     की स्थापना की थी.

 6) छत्रपती शाहू महाराज  ने बहुजन समाज के विकास के लिये 1918  मे   रेत विधी नष्ट              करवाया था.

7)  छत्रपती शाहू महाराज ने बहुजन और दीनदलित समाज के लिए  नल  , कुआ, तालाब,           धर्मशाला, क्लिनिक खुला कर दिया.

8)  छत्रपती शाहू महाराज  ने अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित किया था.

9)   1912   मे  छत्रपती शाहू महाराज  ने "किंग एडवर्ड कृषी संस्था "की स्थापना की थी.

 10) छत्रपती शाहू महाराज ने महार जात के गंगाराम कांबळे  को हॉटेल चलाने के लिए                 आर्थिक मदद कि थी.

11) छत्रपती शाहू महाराज ने 1917 मे विधवा पुनर्विवाह कायदा पास किया था.

14)  1918  मे छत्रपती शाहू महाराज   ने  आर्य समाज की स्थापना की थी,

 15) छत्रपती शाहू  महाराज   ने 1918 मे  आंतरजातीय विवाह कायदा पास किया था.

16) छत्रपती   शाहू   महाराज  ने    1920    तलाक  का  कायदा पास किया था.

17) छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापूर का भवानी मंदिर दीन दलित बहुजन समाज के लिये          खुला कर दिया.

18) छत्रपती शाहू महाराज समता के पुजारी  और जातिभेद, धर्मभेद  को कडवा विरोध करते         थे.

19) छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापूर संस्थान मे कवी ,लेखक, गीतकार, गायक, शाहीर            ,संगीतकार, नाटक कार, पत्रकार को आश्रय दिया था

20) छत्रपती शाहू महाराज को कुस्ती  खेल मे बहुत रुची थी इसलिये उन्होने गाव गाव मे                पूर्वाभ्यास अखाड़ा  खोल दिया था.


मेरे प्यारे  दोस्तो,

                                                                     इस आर्टिकल मे मैने  महाराष्ट्र के एक थोर समाज सुधारक छत्रपती  शाहू महाराज  के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और शिक्षा क्षेत्र मे परिवर्तन लाने के लिए उन्होने जो योगदान दिया था उनकी जानकारी देने का मैने प्रयास किया है. मुझे यकीन है मेरा ये आर्टिकल आपको बहुत पसंद आनेवाला है. इस आर्टिकल  की जानकारी अपने किसी दोस्त के काम आ सकती है इसलिये शेअर करते रहना........M.P.S.C.   ,,,,,,.............................. U.P.S.C.......................................................

 फिर मिलेंगे  आर्टिकल के साथ............................................... फिर मिलेंगे .................................................

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1 अक्टू॰ 2022

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

 


                                                      राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 



                                                                        सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर  भारत देश को आजादी देनेवाले  देशभक्त , थोर समाज सुधारक, महामानव, अहिंसा के पुजारी  जिसका नाम पूरी दुनिया मे  गुंज  कर  भारत देश मे   स्वतंत्रता  संग्राम का आंदोलन  करके भारत देश को आजादी  देनेवाले , जिसका नाम  भारत देश के इतिहास मे सुनहरी अक्षरो मे लिखा जाता है वह नाम है  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी .


                                                          राष्ट्रपिता महात्मा गांधी                         


                                                                         भारत देश के स्वतंत्रता  संग्राम मे  लोकमान्य टिळक, लाला लजपत राय, गोपाळ कृष्ण गोखले , सरदार वल्लभ भाई पटेल, स्वातंत्र्यवीर सावरकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू , डॉ .बाबासाहेब आंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादूर शास्त्री, हुतात्मा भगतसिंग  और महात्मा गांधी का योगदान बहुत बडा है .


                                                                            भारत देश मे आर्थिक  ,सामाजिक , शैक्षणिक , सांस्कृतिक और राजकीय परिवर्तन लाने मे  महात्मा गांधी का योगदान बहुत बडा है . भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में  महात्मा गांधी का स्थान बहुत अहम है . लोकमान्य टिळक के निधन के बाद  भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन  का नेतृत्व महात्मा गांधी के पास आया था. भारत के  स्वतंत्रता संग्राम  मे  जिस व्यक्ती का नाम सुनारी अक्षरो मे लिखा जाता है   वह नाम है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी .


                                                                            महात्मा गांधी ने सत्य , अहिंसा , मानवताऔर  सत्याग्रह के मार्ग पर  ब्रिटिश  साम्राज्यशाही के विरुद्ध जो आंदोलन किया था  व  मानवी समाज के इतिहास का  अभूतपूर्व आंदोलन माना जाता है . "भगवान बुद्ध के बाद सत्य, अहिंसा का इतना बडा पुजारी  हो ही नही सकता  "ऐसा रवींद्रनाथ टागोर का कहना था.


                                                                             भारत देश के एक थोर समाज सुधारक, स्वातंत्र्य  योद्धे, शिक्षण तज्ञ, राजकीय विचारवंत , अस्पृश्यता उद्धारक  ,धर्म वक्ते  ,अर्थतज्ञ  और मानवता  के पुरस्कर्ता  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी  को माना जाता है.


                        विनोबा भावे  महात्मा गांधी के बारे में कहते है की

       "वैयक्तिक सत्याग्रह के पहिले  सत्याग्रही महात्मा गांधी ही है"



                                                                            राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संपर्क में जो भी व्यक्ति आता है उस मे  विर , नेता और देश के लिये बलिदान करने की  आत्मिक शक्ती निर्माण होती है . जो भी व्यक्ती महात्मा गांधी के संपर्क मे आता है  उसको उनकी महानता का अहसास होता है.


                                                            प्राचीनतम कालखंड


                                                                     भारत देश मे जातिभेद, वर्णभेद  ,वंशभेद  और अस्पृश्यता पालन जैसी अनेक समस्या   यहा पर गंभीर  बन गई  थी.  Education  लेने का हक सिर्फ उच्चवर्णीय को ही था. बहुजन समाज और अस्पृश्यता के लोगो को Education  का हक नही था इसलिये समाज मे परिवर्तन लाने के लिए Education  सबको मिलना बहुत जरुरी है . समाज के सर्वांगीन विकास के लिये  शिक्षा पद्धती मे सुधार होना बहुत जरुरी है  ऐसे विचार राष्ट्रपिता  महात्मा गांधी के थे .


                                                                             "अस्पृश्यता को मिटा ना ही मेरे जीवन का एक लक्ष    हे. अस्पृश्यता मिटाने के लिये मुझे मौत भी आ  गई तो  मे हस्ते हस्ते मौत का सामना करूँगा ,  मुझे अगला जनम  भी  अस्पृश्यता मे मिलेगा तो मुझे बहुत खुशी होगी " ऐसे महान विचार अस्पृश्यता के बारे मे महात्मा गांधी के थे.


                                                 "हिंदू धर्म मे जन्म लेने वाले किसी को भी  अस्पृश्य  मानना  बहुत बडा पाप है" ऐसे विचार महात्मा गांधी के थे.


                                                                                अस्पृश्य लोगो की सेवा करना है मेरे जीवन का लक्ष्य है. मंदिर मे पूजा करने का हक हरिजन को होना चाहिए  उनको स्कूल मे प्रवेश मिलना चाहिए और उच्च शिक्षा का अधिकार  भी होना चाहिये . अस्पृश्यता का निवारण करणा  ही  स्वराज्य का मुलभूत अंग हे



                                              महात्मा गांधी के शिक्षा विषयक विचार



                                                                             जब तक समाज के बहुजन , दीन दलित अस्पृश्य लोगो को Education  नही मिलेगा तब तक समाज का विकास नही होगा . Education  का मतलब हे सर्वांगिन विकास . जब  शरीर,  मन और आत्मा का विकास होगा तभी  सर्वांगिन विकास होगा .  अपनी मातृभाषा मे सबको Education  मिलना चाहिये. महीला को शिक्षा का अधिकार हो मिलना चाहिए.



                                                                             अध्यापक  विद्यार्थी  का  सच्चा दोस्त हो ना  चाहिये. अध्यापक  चारित्र्यवान , धार्मिक वृत्ती ,  राष्ट्राभिमानी और मातृभाषे  पर  प्रेम करणे वाला चाहिये.


                                                                                 शिक्षा मे  मराठी  हिंदी ,संस्कृत , गणित, शारीरिक शिक्षा , इतिहास , भूगोल, नागरिक शास्त्र, संगीत, चित्रकला, कृषी, विणकाम, सुतार काम, बाग काम, शिशू संगोपन, बाल मानसशास्त्र  इन  विषय का ज्ञान  जब स्कूल मे मिलेगा तब भी सर्वांगीन विकास होगा.


                                                      राष्ट्रपिता महात्मा गांधी



                                                                                 "मैंने हिंदुस्तान को  आज तक  जो  बहुत सी  चीजे दि है, उन सब  मे  शिक्षा की योजना और पद्धती सबसे बडी चीज है  और मै नही मानता की इस्से ज्यादा अच्छी कोई चीज मै देश को  दे सकुंगा "                                                                                                                                राष्ट्रपिता महात्मा गांधी.


 Education:-  Head,Heart and Hand  का सर्वांगीण विकास   होना  ही शिक्षा का मूलभूत  अर्थ हे. 

                     राष्ट्रपिता महात्मा गांधी.


                                   1) सभी को  शिक्षा लेने का अधिकार मिलना चाहिए.

                            2) मातृभाषा मे शिक्षा सभी को  मिलनी चाहिये.

                            3) महिला को शिक्षा लेने का अधिकार होना चाहिये.

                            4)  शिक्षा से  धार्मिक सहिष्णुता, चारित्र्य संवर्धन और श्रम प्रतिष्ठा                                              मिलनी चाहिये.

                            5) स्कूल से  जीवन मे  उपयुक्त होनेवाली शिक्षा  मिलनी चाहिये.


                                                महात्मा गांधी का परिचय

 1) महात्मा गांधी का जन्म 2  ऑक्टोबर 1869   मे  भारत के गुजरात राज्य के                  पोरबंदर शहर  मे हुआ था.

2) महात्मा गांधी का नाम  मोहनदास करमचंद गांधी   था.

3) महात्मा गांधी के पिताजी का नाम  करमचंद और मा का नाम  पुतळाबाई था.

4)1887   मे  महात्मा गांधी मॅट्रिक की परीक्षा  पास हो गये थे.

5)1891  मे महात्मा गांधी   ने इंग्लंड मे  बॅरिस्टर की पदवी  प्राप्त कर के भारत में  आ गये .

6) महात्मा गांधी की पत्नी का नाम कस्तुरबा गांधी था.

                                                               कस्तुरबा गांधी

 

7)1915  मे  महात्मा गांधी ने  सत्याग्रह आश्रम की स्थापना साबरमती मे की थी.

8) महात्मा गांधी ने 1920  मे  असहयोग आंदोलन कि शुरुवात की थी.


असहयोग आंदोलन


9) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम मे  महात्मा गांधी का योगदान बहुत बडा था इसलिये उनको             भारत का राष्ट्रपिता माना जाता है.

 10) मोहनदास करमचंद गांधी को  "महात्मा "पदवी भारतीय लोगो ने दि  थी.

11) महात्मा गांधी को 30  जनवरी 1948   मे  नथुराम गोडसे ने गोली मारी थी.  

12) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का निधन 1948   मे हो गया था.


        महात्मा गांधी का सामाजिक  और राजकीय क्षेत्र का योगदान 


 1) महात्मा गांधी ने 1894  मे  नाताळ इंडियन कांग्रेस की स्थापना की थी.

2) महात्मा गांधी ने  बिहार के चंपारण्य  के  किसानो के हित के लिये  1917  मे आंदोलन             किया था

                                                        चंपारण्य आंदोलन

3) महात्मा गांधी ने  गुजरात के खेडा जिल्हे मे 1917 मे  ब्रिटिश के विरुद्ध  साराबंदी का                 आंदोलन किया था.

4) महात्मा गांधी ने  अहमदाबाद के कापड गिरणी कामगार के हित के                                      लिये 1918 मे  आंदोलन किया था.

5) 1920  मे  लोकमान्य टिळक का निधन होने के बाद  राष्ट्रीय  सभा का नेतृत्व  महात्मा गांधी         के पास आ गया था.

6) 192  मे  बेळगाव मे   जो राष्ट्रीय सभा का अधिवेशन   हो गया था  उसके अध्यक्ष महात्मा     गांधी  थे.

 7) महात्मा गांधी ने 1930   मे  "सविनय कायदेभंग  आंदोलन "कि शुरुवात की थी.

8) महात्मा गांधी ने  " नमक सत्याग्रह "के लिए  गुजरात के साबरमती आश्रम से  अपने               असंख्य कार्यकर्ता के साथ     5 एप्रिल 1930  मे  गांधीजी   ने  दांडी गाव मे कायदेभंग             आंदोलन किया था.

                                                                 दांडी यात्रा

9) महात्मा गांधी की दांडी यात्रा  "साबरमती से दांडी" तक 385    कि. मी. की थी.

10) महात्मा गांधी ने 1932  मे "अखिल भारतीय हरिजन सेवक संघ "की स्थापना की थी.

11)महात्मा गांधी ने स्वदेशी का पुरस्कार किया था.

12)1932  मे  महात्मा गांधी और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के बीच मे " पुणे करार "

        हो गया था.

                                                                    पुणे करार

13) महात्मा गांधी ने 1933  मे " हरिजन "नाम  के  साप्ताहिक की शुरुवात की थी

14) महात्मा गांधी ने  वर्धा मे  सेवाग्राम आश्रम की स्थापना 1934   मे  की  थी .

15) महात्मा गांधी ने  बाल विवाह का विरोध करके महिला  शिक्षा, महिला स्वातंत्र्य, विधवा             पुनर्विवाह का पुरस्कार किया था.

 16) महात्मा गांधी ने  सती प्रथा , बालविवाह , दहेज, जाती भेद, वर्णभेद, वंशभेद, अंधश्रद्धा,             अस्पृश्यता पालन को कठोर विरोध किया था.

17) महात्मा गांधी ने  दारू और मादक द्रव्य सेवन के लिए विरोध किया था.

18) महात्मा गांधी ने  ब्रिटिश को 1942  मे" चले जाओ "का नारा दिया था.

                                                          चले जाओ आंदोलन

19) भारत के स्वतंत्रता  संग्राम मे  महात्मा गांधी ने  "करेंगे या मरेंगे "का नया मूलमंत्र  दिया             था.

20) भारत के स्वतंत्रता संग्राम मे  महात्मा गांधी की भूमिका अहम थी  इसलिये उनको  "भारत         के राष्ट्रपिता "माना जाता है.



                                                        भारत के स्वतंत्रता संग्राम मे   जिस का नाम  सुनहरी अक्षरो मे लिखा जाता है  वह  नाम है  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी.  इस महान थोर समाज सुधारक को



                                                          विनम्र अभिवादन



                                                                                 इस आर्टिकल मे  भारतीय स्वतंत्रता संग्राम मे  महात्मा  गांधीजी ने  जो योगदान दिया था उनकी जानकारी देने का मैने  प्रयास किया है. मुझे यकीन है की सभी दोस्तो को   मेरा  यह आर्टिकल बहुत पसंद   आनेवाला है  इसलिये  यह जानकारी अपने  दोस्तो को भी मिलनी चाहिए . मेरे प्यारे दोस्तों  यह जानकारी अपने  दोस्त के किसी काम आ सकती है इसलिये शेअर करते रहना...................................................

   फिर मिलेंगे नये आर्टिकल के साथ.................................................

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    =   महर्षी धोंडो केशव कर्वे

      =     Dr. Babasaheb Ambedkar

      =      Education Tips


                                                                                         

                                                   

                                              आप अपने सभी दोस्तो को                                       शेअर करते  रहना............................

             फिर मिलेंगे....................................


                                                       Thanks All Friends

राजा राममोहन रॉय

                                                                                                                                राजा  राममोह...