19 नव॰ 2022

राजा राममोहन रॉय


                                                                  

                                                            राजा  राममोहन रॉय

                                                               भारत देश मे सामाजिक परिवर्तन लाने मे थोर समाज सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती, गोपाळ गणेश आगरकर, महादेव गोविंद रानडे, महात्मा ज्योतिबा फुले, लोकमान्य टिळक, छत्रपती शाहू महाराज, महात्मा गांधी, डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर, महर्षी धोंडो केशव कर्वे और राजा राममोहन रॉय का बहुत बडा योगदान है


.

                                                             भारत देश मे दीनदलित  और बहुजन समाज के लोगो को Education  लेने का  हक नही था . समाज के सिर्फ उच्चवर्णीय को Education  मिलता था. भारत देश मे  जातिभेद , वंशभेद , धर्मभेद , वर्णभेद का पालन  किया जाता था . अज्ञान अंधश्रद्धा के कारण  समाज मे अंधकार छा गया था . बहुजन समाज  के लोगो को जब तक  पाश्चात्य वैज्ञानिक शिक्षा  Education  नही मिलेगा तब तक समाज मे परिवर्तन नही हो सकता ऐसे महान विचार  राजा राममोहन रॉय के  थे.



                                                        प्राचीन तम कालखंड


                                                                  प्राचीन कालखंड मे भारतीय समाज मे अज्ञान और अंधश्रद्धा का बहुत बडा प्रभाव था. बालविवाह, विधवा विवाह बंदी, सती प्रथा, बहुविवाह पद्धती, पडदा पद्धती, जातीभेद और अस्पृश्यता पालन जैसी बहुत समस्या  भारत देश मे प्रचलित थी.भारतीय समाज मे शिक्षा और सामाजिक परिवर्तन   लlने मे राजा राम मोहन रॉय  का योगदान बहुत बडा था इसलिये  आधुनिक भारत के जनक राजा राम मोहन  रॉय को कहा जाता है.

                                              राजा राममोहन रॉय का परिचय


        1) राजा राम मोहन रॉय    का जन्म   22  मे   1772  मे  पश्चिम बंगाल के हुबळी जिल्हे के                               राधानगर   मे  एक ब्राह्मण कुटुंब मे हुआ था.

        2) राजा राम मोहन रॉय  के पिताजी का नाम रमाकांत रॉय और मा का नाम    तारिणी देवी था.

        3) राजा  राम मोहन  रॉय के पंजोबा कृष्णचंद्र बॅनर्जी को बंगाल के नवाब ने रॉय पदवी  देकर                             उनके  कार्य  का सन्मान किया था.

         4) राजा  राम मोहन रॉय को अरबी ,फारसी, संस्कृत, फ्रेंच ,अंग्रेजी, हिब्रू   ग्रीक और लॅटिन भाषा                      भी   आती थी.

.         5) राजा राम मोहन रॉय ने 1803 मे  तूहफत  उल  मुवाहिद्दीन  नाम का ग्रंथ  फारसी  भाषा मे                           लिखा   था.

          6) राजा  राम मोहन  रॉय   ने 1805  मी  रंगपुर के कलेक्टर  जॉन डीबी  के  दिवाण  बनकर                                 नोकरी   कि थी.

          7) राम मोहन रॉय को  मोगल सम्राट दुसरा अकबरने राजा पदवी  बहाल करके  उनके कार्य का                       गौरव किया था.

           8)  इंग्लंड मे जाने वाले पहिले भारतीय थोर सुधारक राजाराम मोहन रॉय थे.

           9) राजाराम मोहन रॉय को आधुनिक भारत के जनक कहा जाता है.

         10) राजाराम मोहन  रॉय   का 27 सप्टेंबर   1833 को इंग्लंड  के ब्रिस्टॉल मे निधन हो गया था.


                          राजाराम मोहन रॉय का शिक्षा विषयक योगदान


         1) राजाराम मोहन रॉय ने  समाज परिवर्तन के लिये  अंग्रेजी शिक्षा का  आग्रह किया था.

         2) भारतीय समाज मे परिवर्तन लाने के लिए  सबको पाश्चात्य वैज्ञानिक शिक्षा  मिलनी चाहिये                          ऐसा  उनका कहना था.

         3) राजा राममोहन रॉय ने   1817   मे हिंदू कॉलेज की स्थापना की थी.

         4) राजा राममोहन रॉय ने   1822    मे  अँग्लो  हिंदू स्कूल की स्थापना की थी.

          5) राजा राममोहन  रॉय ने   1825    मे  वेदांत कॉलेज की स्थापना की थी.

            6) राजा  राम मोहन रॉय ने  महिला शिक्षा का पुरस्कार किया था.

            7) राजा   राम मोहन रॉय  ने  समाज मे परिवर्तन लाने के लिए   अखबार  के माध्यम से                                      समाज  जागृती   निर्माण करणे का प्रयास किया था.

            8) राजाराम मोहन रॉय ने वगाल  गॅझेट  नाम के साप्ताहिक की सुरुवात की थी.

            9) राजाराम मोहन रॉय ने  पर्शियन  भाषा मे  मिरतुल  अखबर  नाम का  अखबार  खोल                                     दिया  था.

           10) राजाराम मोहन रॉय  ने  बंगाली भाषा मे   संवाद कोमुदी  साप्ताहिक खोल दिया                                             था.

           11) प्राचीन्तम कालखंड मे सभी हिंदू धर्मग्रंथ  संस्कृत भाषा मे लिखे हुए थे बहुजन समाज  को                             संस्कृत का ज्ञान नही था इसलिये राजाराम मोहन रॉय ने  सभी हिंदू धर्मग्रंथ का                                          अंग्रेजी, बंगाली  और हिंदी भाषा मे अनुवाद किया था.


                                    राजा राम मोहन रॉय का सामाजिक योगदान


          1) राजाराम मोहन रॉय को भारत के सभी थोर समाज सुधारक के अग्रदूत कहा जाता है.

          2) राजाराम मोहन रॉय  ने   1814   मे  कलकत्ता मे "आत्मीय  सभा "की स्थापना की थी.

          3) राजाराम मोहन राय ने    20 अगस्त  1828   मे कलकत्ता  मे "ब्राह्मो समाज" की स्थापना                              की थी.

          4)  राजाराम मोहन रॉयने "विधवा पुनर्विवाह "का आग्रह किया था.

          5) राजाराम मोहन रॉय ने" बालविवाह "का प्रखर विरोध किया था.

          6) राजाराम मोहन राय ने महिला को पुरुषो के समान अधिकार मिलने का आग्रह किया था.


            7) राजाराम मोहन रॉय ने "महिला शिक्षा और स्वातंत्र्य" का पुरस्कार किया था.

            8) राजा  राममोहन रॉय के भाई जगमोहन रॉय का निधन होने के बाद उनकी पत्नी अलक                                 मंजरी   जब सती जाने लगी तो राजाराम मोहन रॉय बहुत दुखी हो गये थे.

            9) राजा राममोहन रॉय ने सती प्रथा का कडवा विरोध करके  इस प्रथा को बंद करने की                                  कसम  ली थी.

           10) राजा    राममोहन रॉय  ने सती प्रथा के लिये कडवा विरोध करने के बाद 1829 मे "लॉर्ड                               विल्यम   बेटिक " ने "सती प्रथा बंदी का कायदा "पास किया था.

           11) राजा  राम मोहन  रॉय   ने जातीभेद, अस्पृश्यता पालन, बालविवाह, बहु विवाह, सती                                     प्रथा  को विरोध किया था.

           12) राजा  राम मोहन  रॉय  ने  विधवा पुनर्विवाह, आंतरजातीय विवाह, आंतरजातीय भोजन                                         समारंभ का पुरस्कार किया था.

           13) राजाराम मोहन रॉय ने किसान के  कुल के अधिकार के लिये  जमीनदार को विरोध                                     किया था.

           14) राजाराम मोहन रॉय के ब्राह्मो समाज के कारण सभी भारतीय लोगो के  मन मे राष्ट्रवाद                                 की भावना जागृत हो गयी थी.

           15) राजाराम मोहन रॉय के ब्राह्मो समाज मे समानता का पुरस्कार किया था इसलिये                                         भारतीय   लोगो मे राष्ट्रीय एकात्मता की भावना जागरूक हो गयी थी.

            16) राजा  राममोहन रॉय    के  ब्राह्मो   समाज  के कार्य से प्रभावित हो कर केशव चंद्र                                         सेन  ने भारतीय ब्राह्मो  समाज ,महात्मा ज्योतिबा फुले ने सत्यशोधक समाज की                                         स्थापना की थी.

             17) राजा  राममोहन  रॉय   के ब्राह्मो समाज के कार्य से प्रभावित हो कर हिंदू धर्म के                                         धर्मांत पर निर्बंध आ गये थे.

             18) राजा राममोहन   रॉय   ने   पाश्चात्य शिक्षा  का   पुरस्कार कर के भारतीय समाज मे                                       सामाजिक  परिवर्तन लाने का प्रयास किया था.

             19) भारतीय समाज मे सामाजिक परिवर्तन लाने मे राजा राम मोहन रॉय का बहोत                                             बडा  योगदान था इसलिये राजा राम मोहन रॉय को आधुनिक भारत का जनक                                             कहा जाता है .

             20) ब्राह्मो समाज के कार्य से  भारतीय समाज को ईश्वरचंद विद्यासागर, बिपिन चंद्र                                             पाल,  रवींद्रनाथ टागोर जैसे महान विचारवंत भारत को मिल गये.





                             भारतीय समाज को नई दिशा दिखाने वाले

                                           आधुनिक भारत के जनक को

                                                         विनम्र अभिवादन



                मेरे प्यारे  दोस्तो,


                                                                 इस आर्टिकल मे मैने भारत  के एक थोर समाज सुधारक राजा राम मोहन   रॉय के सामाजिक और शिक्षा क्षेत्र मे परिवर्तन लाने के लिए उन्होने जो योगदान दिया था उनकी जानकारी देने का मैने प्रयास किया है. मुझे यकीन है मेरा ये आर्टिकल आपको बहुत पसंद आनेवाला है. इस आर्टिकल  की जानकारी अपने किसी दोस्त के    M.P.S.C.       U.P.S.C. काम आ सकती है इसलिये शेअर करते रहना...........

                                                 फिर मिलेंगे न आर्टिकल के साथ................


                      नीचे दिये हुए लिंक को ओपन करने के बाद आपको    M.P.S.C.      U.P.S.C.

                              अधिक जानकारी समाज सुधारक के बारे मे    मिल सकती है  

                                            इसलिये अपने दोस्त को शेअर करते रहना............,


                                                  Thanks All Friends


           Click Here      =        छत्रपती शाहू महाराज

 

           Click Here      =       Mahatma Jyotiba Phule


          Click Here      =        Dr. Babasaheb Ambedkar





17 अक्टू॰ 2022

छत्रपती शाहू महाराज

 


छत्रपती शाहू महाराज


                                                                                 भारत देश के महाराष्ट्र राज्य मे आर्थिक , सामाजिक  ,सांस्कृतिक  ,शिक्षा  और राजकीय  क्षेत्र मे  परिवर्तन लाने के लिए  महात्मा ज्योतिबा फुले , कर्मवीर भाऊराव पाटील , महर्षी धोंडो केशव कर्वे , डॉ .  बाबासाहेब आंबेडकर और  छत्रपती शाहू महाराज का योगदान बहुत बडा था.


                                                                                         कोल्हापूर महाराष्ट्र राज्य का एक  ऐतिहासिक शहर , कला  ,साहित्य ,संस्कृती , ऐतिहासिक वास्तू  और धार्मिक स्थल के लिए बहुत प्रसिद्ध है . कोल्हापूर  "वस्तीग्रह  "की  आद्य जननी मानी जाती है . कोल्हापूर को  "पहलवानो का शहर  "माना जाता है .गुड  की सबसे बडी  बाजार पेठ यही है . कोल्हापूर के ऐतिहासिक पुरातन  मंदिर मे  महालक्ष्मी का दर्शन लेने के लिए  देश-विदेश  से लाखो पर्यटक  कोल्हापूर मे आते है और   छत्रपती शाहू  महाराज पॅलेस का  नजारा देखकर बहुत खुश होते है . कोल्हापूर मे गुड की बहुत  बडी बाजार पेठ है . कोल्हापूर मे रंकाला झील देखने के बाद  कोल्हापूर के पास ही  पन्हाळा का नजारा देखकर  और ज्योतिबा के दर्शन लेने के बाद   मन मंत्रमुग्ध हो जाता है .


                                        छत्रपति शाहू महाराज के शैक्षिक विचार

 

                                                                     भारत देश मे दीनदलित  और बहुजन समाज के लोगो को Education  लेने का  हक नही था . समाज के सिर्फ उच्चवर्णीय को Education  मिलता था. भारत देश मे  जातिभेद , वंशभेद , धर्मभेद , वर्णभेद का पालन  किया जाता था . अज्ञान अंधश्रद्धा के कारण  समाज मे अंधकार छा गया था . बहुजन समाज  के लोगो को जब तक Education  नही मिलेगा तब तक समाज मे परिवर्तन नही हो सकता ऐसे महान विचार  छत्रपती  शाहू महाराज के थे.


                                                                        छत्रपती शाहू महाराज  ने  कोल्हापूर संस्थान मे  दीनदलित और बहुजन समाज के लोगो   को Education  देने के लिए  स्कूल  , कॉलेज और उच्च शिक्षा के लिए  महाविद्यालय खोल दिया था. समाज मे  आर्थिक-सामाजिक, सांस्कृतिक, राजकीय और शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए Education  सब लोगो को मिलना बहुत जरुरी है.

                                             

                         छत्रपति शाहू महाराज का परिचय


 1)छत्रपती शाहू महाराज का जन्म 26  जून 1874 मे कोल्हापूर जिल्हे  के कागल गाव मे हुआ       था.

2) छत्रपती शाहू महाराज के पिताजी का नाम  जयसिंगराव और मा का नाम राधाबाई था.

3) छत्रपती शाहू महाराज के पिताजी कागल के जहागीरदार जयसिंगराव आबासाहेब घाटगे         थे.

4) छत्रपती शाहू महाराज को  कोल्हापूर की राणी आनंदीबाई ने 1884   मे  गोद लिया था.

5) छत्रपती शाहू महाराज का नाम यशवंतराव जयसिंगराव घाटगे  था.

6) छत्रपती शाहू महाराज का विवाह लक्ष्मीबाई के साथ 1891 मे हुआ था.

 7)  छत्रपती शाहू महाराज  कोल्हापुर  राज्य के राजे 1894   मे  बन गये थे.

8) छत्रपती शाहू महाराज छात्र  छात्रवासो के  जनक माने जाते है.

9) कोल्हापूर को वस्तीग्रह कि  आद्य जननी मानी जाती है. 

10) छत्रपती शाहू महाराज  ने  मराठा छात्रो के लिए "व्हिक्टोरिया मराठा बोर्डिंग "की                  स्थापना 1901 मे की थी.


 11) डॉ .बाबासाहेब आंबेडकर को  उनकी उच्च शिक्षा के लिए शाहूमहाराज  ने  आर्थिक रूप         से मदद की थी.

12) छत्रपती शाहू महाराज  को  कानपुर के अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय जात के परिषद मे          1919 को  राजर्षी  पदवी बहाल कि थी.

13) छत्रपती शाहू महाराज का निधन 29  मे 1922 मे हुआ था. 


                                                     छत्रपती शाहू महाराज  महात्मा ज्योतिबा फुले के विचारो से   बहुत प्रभावित थे.महात्मा ज्योतिबा फुले के  सत्यशोधक समाज के विचारो से  छत्रपती शाहू महाराज  प्रभावित हो कर उन्होने  कोल्हापूर मे 1911 को  सत्यशोधक समाज की शाखा स्थापन की थी. छत्रपती शाहू महाराज  पर आर्यसमाज के विचारो का भी प्रभाव था  इसलिये उन्होने  राजाराम स्कूल और राजाराम कॉलेज चलाने के लिए  आर्य समाज का योगदान लिया था. छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापूर मे आर्यसमाज की शाखा स्थापन की थी.


                                                           सम्राट अकबर के हिंदू-मुस्लीम ऐक्य के विचारो से प्रभावित हो कर  छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापूर संस्थान मे धर्मनिरपेक्ष कार्य किया था. छत्रपती शाहू महाराज सामाजिक लोकशाहीचे आधारस्तंभ माने जाते  हे .छत्रपती शाहू महाराज  ने  समाज मे आर्थिक, सामाजिक,  सांस्कृतिक और  शिक्षा  क्षेत्र मे  जो परिवर्तन लाया था इसलिये उनको नवयुग का राष्ट्रीय व्यक्ती माना जाता है


.                      दीनदलित और बहुजन समाज के उद्धारक छत्रपती शाहू                     महाराज  थे.


       छत्रपती शाहू महाराज सामाजिक लोकशाहीचे आधारस्तंभ थे

                                                                                                                                     डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर


                                              शाहू महाराज के शैक्षिक कार्य

 

1) छत्रपती शाहू महाराज ने 1897 मे  सभी hi जात धर्म के छात्रो के लिए वस्तीगृह का निर्माण         किया था.

2) 1901   मे छत्रपती  शाहू महाराज  ने  व्हिक्टोरिया मराठा बोर्डिंग की शुरुवात की थी.

3) छत्रपती शाहू महाराज ने 1901 मे दिगंबर जैन बोर्डिंग की शुरुवात की थी.

4)1907 मे  दीन-दलित छात्रो के लिये कोल्हापूर शहर में "मिस क्लार्क बोर्डिंग ,"की स्थापना        की थी.

5) 1913 मे छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापुरी राज्य के   गाव गाव मे  प्राथमिक स्कूल खोल       देने का आदेश दिया था.

6) 1915 मे  (इंडियन ख्रिश्चन  वस्तीगृह) ,1918  मे     (वैश्य  होस्टेल),  (आर्य समाज                     होस्टेल),    1919 मे  (ढोर चांभार होस्टेल) छत्रपती शाहू महाराजांनी खोल दिया था.

 7) 1918 छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापुरी राज्य मे मुक्त और अनिवार्य शिक्षा का आदेश         दिया था.

8) शिवाजी वैदिक बोर्डिंग  (1920),    सुतार बोर्डिंग.  ,नाभिक बोर्डिंग,   देवांग         बोर्डींग  हाऊस,   भोई समाज बोर्डिंग,  राजपुतवाडी बोर्डिंग(1921)    छत्रपती शाहू महाराज    ने बहुजन समाज के लिये खोल दिया था.

 9) कोल्हापूर "वस्तीग्रह की  आद्य जननी "मानी जाती है इसलिये कोल्हापूर शहर को "मदर          ऑफ स्टुडंट्स होस्टेल"  के नाम से लोग जानते है.

 10) छत्रपती शाहू महाराज ने पुना ,नाशिक, अहमदनगर, पंढरपूर और नागपूर के वसतिगृह         को भी आर्थिक  मदद की थी.

 11) छत्रपती शाहू महाराज पुना  के डेक्कन एज्युकेशन सोसायटी के अध्यक्ष थे और इस               संस्था को उन्होने आर्थिक रूप मे मदद की थी.

12) छत्रपती शाहू महाराज ने  मराठा ,जैन, लिंगायत, ख्रिश्चन, मुस्लिम जात  के अलग अलग          वसतिगृह का निर्माण किया था इसका कारण था की हर जाती के छात्रो को संधि मिलनी          चाहिये.

13) छत्रपती शाहू महाराज  ने सभी जात , धर्म के छात्रो को शिष्यवृत्ती की शुरुवात की थी.

14) छत्रपती शाहू महाराज ने  शिवाजी क्षत्रिय वैदिक स्कूल, कुलकर्णी , पाटील स्कूल,                   औद्योगिक स्कूल, सैनिक स्कूल, संस्कृत स्कूल, सत्यशोधक स्कूल, युवराज स्कूल की                स्थापना की थी.

15) छत्रपती शाहू महाराज  ने "व्यवसायिक शिक्षा "पर भर दिया था.

16) छत्रपती शाहू महाराज ने  "अध्यापक प्रशिक्षण केंद्र "की शुरुवात की थी.

17) छत्रपती शाहू महाराज महिला शिक्षा के पुरस्कर्ता थे इसलिये उन्होने कोल्हापूर के शिक्षा         अधिकारी पदी महिला को स्थान दिया था.

18) छत्रपती शाहू महाराज ने  हिंगणे के ,"महिला आश्रम "को आर्थिक मदद की थी.

19) छत्रपती शाहू महाराज ने  कृष्णाबाई  केवळकर महिला के उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक            मदद की थी.

 20) छत्रपती शाहू महाराज ने डॉ .बाबासाहेब आंबेडकर को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक रूप        से मदद की थी.

21) छत्रपती शाहू महाराज ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के "मुकनायक साप्ताहिक" को                 आर्थिक रूप से मदद कि थी.

 22) छत्रपती शाहू महाराज ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के निर्माण में आर्थिक रूप से                    योगदान दिया था.

23) महाराष्ट्र के अमरावती के डॉ. पंजाबराव देशमुख  की शिक्षा  संस्था को छत्रपती शाहू                महाराज ने आर्थिक रूप से सहाय्यता कि थी.

24) छत्रपती शाहू महाराज ने  कोल्हापूर, पुना, अहमदाबाद, नागपुर मे वस्तीग्रह की शुरुवात          की थी.

25) छत्रपती शाहू महाराज ने  कोल्हापूर को उच्च शिक्षा का केंद्रबिंदू बनाया था.


                                     शाहू महाराज के सामाजिक कार्य


 1) छत्रपती शाहू महाराज ने दीनदलित  और बहुजन समाज के विकास के लिये सरकारी             नौकरी में 50  टक्का राखीव जागा  की घोषणा 1902 मे कि थी.

 2) छत्रपती शाहू महाराज ने एक टेक्सटाईल मिल की स्थापना1907 मे कि थी.

 3) छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापूर के पास भोगावती नदी मे 1908 मे ," महाराणी                   लक्ष्मीबाई तालाब" का निर्माण किया था.

4)  1911  मे शाहू महाराज ने  कोल्हापूर मे सत्यशोधक समाज की पुनर्स्थापना कि थी.

5)  1916 मे छत्रपती शाहू महाराज ने बहुजन समाज के विकास के लिये "डेक्कन रयत संस्था"

     की स्थापना की थी.

 6) छत्रपती शाहू महाराज  ने बहुजन समाज के विकास के लिये 1918  मे   रेत विधी नष्ट              करवाया था.

7)  छत्रपती शाहू महाराज ने बहुजन और दीनदलित समाज के लिए  नल  , कुआ, तालाब,           धर्मशाला, क्लिनिक खुला कर दिया.

8)  छत्रपती शाहू महाराज  ने अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित किया था.

9)   1912   मे  छत्रपती शाहू महाराज  ने "किंग एडवर्ड कृषी संस्था "की स्थापना की थी.

 10) छत्रपती शाहू महाराज ने महार जात के गंगाराम कांबळे  को हॉटेल चलाने के लिए                 आर्थिक मदद कि थी.

11) छत्रपती शाहू महाराज ने 1917 मे विधवा पुनर्विवाह कायदा पास किया था.

14)  1918  मे छत्रपती शाहू महाराज   ने  आर्य समाज की स्थापना की थी,

 15) छत्रपती शाहू  महाराज   ने 1918 मे  आंतरजातीय विवाह कायदा पास किया था.

16) छत्रपती   शाहू   महाराज  ने    1920    तलाक  का  कायदा पास किया था.

17) छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापूर का भवानी मंदिर दीन दलित बहुजन समाज के लिये          खुला कर दिया.

18) छत्रपती शाहू महाराज समता के पुजारी  और जातिभेद, धर्मभेद  को कडवा विरोध करते         थे.

19) छत्रपती शाहू महाराज ने कोल्हापूर संस्थान मे कवी ,लेखक, गीतकार, गायक, शाहीर            ,संगीतकार, नाटक कार, पत्रकार को आश्रय दिया था

20) छत्रपती शाहू महाराज को कुस्ती  खेल मे बहुत रुची थी इसलिये उन्होने गाव गाव मे                पूर्वाभ्यास अखाड़ा  खोल दिया था.


मेरे प्यारे  दोस्तो,

                                                                     इस आर्टिकल मे मैने  महाराष्ट्र के एक थोर समाज सुधारक छत्रपती  शाहू महाराज  के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और शिक्षा क्षेत्र मे परिवर्तन लाने के लिए उन्होने जो योगदान दिया था उनकी जानकारी देने का मैने प्रयास किया है. मुझे यकीन है मेरा ये आर्टिकल आपको बहुत पसंद आनेवाला है. इस आर्टिकल  की जानकारी अपने किसी दोस्त के काम आ सकती है इसलिये शेअर करते रहना........M.P.S.C.   ,,,,,,.............................. U.P.S.C.......................................................

 फिर मिलेंगे  आर्टिकल के साथ............................................... फिर मिलेंगे .................................................

 नीचे दिये हुए लिंक को ओपन करने के बाद आपको  अधिक जानकारी समाज सुधारक के बारे मे   मिल सकती है इसलिये अपने दोस्त को शेअर करते रहना............,

 

                                  

                                                   ( Blogger Links )


                   Clink Here.......=    Dr. Babasaheb Ambedkar

                   Clink Here.......=  Education Tips

             Clink Here.......= महर्षी धोंडो केशव कर्वे

                                  


                                           Thanks All Friends

राजा राममोहन रॉय

                                                                                                                                राजा  राममोह...