भारत देश मे सामाजिक परिवर्तन लाने मे थोर समाज सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती, गोपाळ गणेश आगरकर, महादेव गोविंद रानडे, महात्मा ज्योतिबा फुले, लोकमान्य टिळक, छत्रपती शाहू महाराज, महात्मा गांधी, डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर, महर्षी धोंडो केशव कर्वे और राजा राममोहन रॉय का बहुत बडा योगदान है
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भारत देश मे दीनदलित और बहुजन समाज के लोगो को Education लेने का हक नही था . समाज के सिर्फ उच्चवर्णीय को Education मिलता था. भारत देश मे जातिभेद , वंशभेद , धर्मभेद , वर्णभेद का पालन किया जाता था . अज्ञान अंधश्रद्धा के कारण समाज मे अंधकार छा गया था . बहुजन समाज के लोगो को जब तक पाश्चात्य वैज्ञानिक शिक्षा Education नही मिलेगा तब तक समाज मे परिवर्तन नही हो सकता ऐसे महान विचार राजा राममोहन रॉय के थे.
प्राचीन तम कालखंड
प्राचीन कालखंड मे भारतीय समाज मे अज्ञान और अंधश्रद्धा का बहुत बडा प्रभाव था. बालविवाह, विधवा विवाह बंदी, सती प्रथा, बहुविवाह पद्धती, पडदा पद्धती, जातीभेद और अस्पृश्यता पालन जैसी बहुत समस्या भारत देश मे प्रचलित थी.भारतीय समाज मे शिक्षा और सामाजिक परिवर्तन लlने मे राजा राम मोहन रॉय का योगदान बहुत बडा था इसलिये आधुनिक भारत के जनक राजा राम मोहन रॉय को कहा जाता है.
राजा राममोहन रॉय का परिचय1) राजा राम मोहन रॉय का जन्म 22 मे 1772 मे पश्चिम बंगाल के हुबळी जिल्हे के राधानगर मे एक ब्राह्मण कुटुंब मे हुआ था.
2) राजा राम मोहन रॉय के पिताजी का नाम रमाकांत रॉय और मा का नाम तारिणी देवी था.
3) राजा राम मोहन रॉय के पंजोबा कृष्णचंद्र बॅनर्जी को बंगाल के नवाब ने रॉय पदवी देकर उनके कार्य का सन्मान किया था.
4) राजा राम मोहन रॉय को अरबी ,फारसी, संस्कृत, फ्रेंच ,अंग्रेजी, हिब्रू ग्रीक और लॅटिन भाषा भी आती थी.
. 5) राजा राम मोहन रॉय ने 1803 मे तूहफत उल मुवाहिद्दीन नाम का ग्रंथ फारसी भाषा मे लिखा था.
6) राजा राम मोहन रॉय ने 1805 मी रंगपुर के कलेक्टर जॉन डीबी के दिवाण बनकर नोकरी कि थी.
7) राम मोहन रॉय को मोगल सम्राट दुसरा अकबरने राजा पदवी बहाल करके उनके कार्य का गौरव किया था.
8) इंग्लंड मे जाने वाले पहिले भारतीय थोर सुधारक राजाराम मोहन रॉय थे.
9) राजाराम मोहन रॉय को आधुनिक भारत के जनक कहा जाता है.
10) राजाराम मोहन रॉय का 27 सप्टेंबर 1833 को इंग्लंड के ब्रिस्टॉल मे निधन हो गया था.
राजाराम मोहन रॉय का शिक्षा विषयक योगदान
1) राजाराम मोहन रॉय ने समाज परिवर्तन के लिये अंग्रेजी शिक्षा का आग्रह किया था.
2) भारतीय समाज मे परिवर्तन लाने के लिए सबको पाश्चात्य वैज्ञानिक शिक्षा मिलनी चाहिये ऐसा उनका कहना था.
3) राजा राममोहन रॉय ने 1817 मे हिंदू कॉलेज की स्थापना की थी.
4) राजा राममोहन रॉय ने 1822 मे अँग्लो हिंदू स्कूल की स्थापना की थी.
5) राजा राममोहन रॉय ने 1825 मे वेदांत कॉलेज की स्थापना की थी.
6) राजा राम मोहन रॉय ने महिला शिक्षा का पुरस्कार किया था.
7) राजा राम मोहन रॉय ने समाज मे परिवर्तन लाने के लिए अखबार के माध्यम से समाज जागृती निर्माण करणे का प्रयास किया था.
8) राजाराम मोहन रॉय ने वगाल गॅझेट नाम के साप्ताहिक की सुरुवात की थी.
9) राजाराम मोहन रॉय ने पर्शियन भाषा मे मिरतुल अखबर नाम का अखबार खोल दिया था.
10) राजाराम मोहन रॉय ने बंगाली भाषा मे संवाद कोमुदी साप्ताहिक खोल दिया था.
11) प्राचीन्तम कालखंड मे सभी हिंदू धर्मग्रंथ संस्कृत भाषा मे लिखे हुए थे बहुजन समाज को संस्कृत का ज्ञान नही था इसलिये राजाराम मोहन रॉय ने सभी हिंदू धर्मग्रंथ का अंग्रेजी, बंगाली और हिंदी भाषा मे अनुवाद किया था.
राजा राम मोहन रॉय का सामाजिक योगदान
1) राजाराम मोहन रॉय को भारत के सभी थोर समाज सुधारक के अग्रदूत कहा जाता है.
2) राजाराम मोहन रॉय ने 1814 मे कलकत्ता मे "आत्मीय सभा "की स्थापना की थी.
3) राजाराम मोहन राय ने 20 अगस्त 1828 मे कलकत्ता मे "ब्राह्मो समाज" की स्थापना की थी.
4) राजाराम मोहन रॉयने "विधवा पुनर्विवाह "का आग्रह किया था.
5) राजाराम मोहन रॉय ने" बालविवाह "का प्रखर विरोध किया था.
6) राजाराम मोहन राय ने महिला को पुरुषो के समान अधिकार मिलने का आग्रह किया था.
7) राजाराम मोहन रॉय ने "महिला शिक्षा और स्वातंत्र्य" का पुरस्कार किया था.
8) राजा राममोहन रॉय के भाई जगमोहन रॉय का निधन होने के बाद उनकी पत्नी अलक मंजरी जब सती जाने लगी तो राजाराम मोहन रॉय बहुत दुखी हो गये थे.
9) राजा राममोहन रॉय ने सती प्रथा का कडवा विरोध करके इस प्रथा को बंद करने की कसम ली थी.
10) राजा राममोहन रॉय ने सती प्रथा के लिये कडवा विरोध करने के बाद 1829 मे "लॉर्ड विल्यम बेटिक " ने "सती प्रथा बंदी का कायदा "पास किया था.
11) राजा राम मोहन रॉय ने जातीभेद, अस्पृश्यता पालन, बालविवाह, बहु विवाह, सती प्रथा को विरोध किया था.
12) राजा राम मोहन रॉय ने विधवा पुनर्विवाह, आंतरजातीय विवाह, आंतरजातीय भोजन समारंभ का पुरस्कार किया था.
13) राजाराम मोहन रॉय ने किसान के कुल के अधिकार के लिये जमीनदार को विरोध किया था.
14) राजाराम मोहन रॉय के ब्राह्मो समाज के कारण सभी भारतीय लोगो के मन मे राष्ट्रवाद की भावना जागृत हो गयी थी.
15) राजाराम मोहन रॉय के ब्राह्मो समाज मे समानता का पुरस्कार किया था इसलिये भारतीय लोगो मे राष्ट्रीय एकात्मता की भावना जागरूक हो गयी थी.
16) राजा राममोहन रॉय के ब्राह्मो समाज के कार्य से प्रभावित हो कर केशव चंद्र सेन ने भारतीय ब्राह्मो समाज ,महात्मा ज्योतिबा फुले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना की थी.
17) राजा राममोहन रॉय के ब्राह्मो समाज के कार्य से प्रभावित हो कर हिंदू धर्म के धर्मांतर पर निर्बंध आ गये थे.
18) राजा राममोहन रॉय ने पाश्चात्य शिक्षा का पुरस्कार कर के भारतीय समाज मे सामाजिक परिवर्तन लाने का प्रयास किया था.
19) भारतीय समाज मे सामाजिक परिवर्तन लाने मे राजा राम मोहन रॉय का बहोत बडा योगदान था इसलिये राजा राम मोहन रॉय को आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है .
20) ब्राह्मो समाज के कार्य से भारतीय समाज को ईश्वरचंद विद्यासागर, बिपिन चंद्र पाल, रवींद्रनाथ टागोर जैसे महान विचारवंत भारत को मिल गये.
भारतीय समाज को नई दिशा दिखाने वाले
आधुनिक भारत के जनक को
विनम्र अभिवादन
मेरे प्यारे दोस्तो,
इस आर्टिकल मे मैने भारत के एक थोर समाज सुधारक राजा राम मोहन रॉय के सामाजिक और शिक्षा क्षेत्र मे परिवर्तन लाने के लिए उन्होने जो योगदान दिया था उनकी जानकारी देने का मैने प्रयास किया है. मुझे यकीन है मेरा ये आर्टिकल आपको बहुत पसंद आनेवाला है. इस आर्टिकल की जानकारी अपने किसी दोस्त के M.P.S.C. U.P.S.C. काम आ सकती है इसलिये शेअर करते रहना...........
फिर मिलेंगे नए आर्टिकल के साथ................
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