17 सित॰ 2022

कर्मवीर भाऊराव पाटील

  


                                 कर्मवीर भाऊराव पाटील


                                                                 भारत देश के इतिहास मे Education  के लिये महात्मा गांधी , राजा राम मोहन रॉय, स्वामी दयानंद सरस्वती, महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपती  शाहू महाराज, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, महर्षी धोंडो केशव कर्वे   और  कर्मवीर भाऊराव पाटील का योगदान बहुत बडा है.

                                                                                                                                                                                            कर्मवीर भाऊराव पाटील ने महाराष्ट्र  के Educational  परिवर्तन के  लिये  समाज मे जागृती निर्माण करने का प्रयास किया था . समाज मे  आर्थिक, सामाजिक , शैक्षणिक और राजकीय   परिवर्तन लाने  के लिये  Education  दीन ,दलित ,गरीब और किसान को मिलना चाहिए . बहुजन समाज के विकास के लिये    Education  मिलना बहुत जरुरी है  . समाज मे परिवर्तन लाने के   लिये Education  एक बहुत बडा साधन है  इसलिये कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने  बहुजन समाज के विकास के लिये Education  देने का महान कार्य किया था.    




                                         कर्मवीर भाऊराव पाटील  परिचय 

1) कर्मवीर भाऊराव पाटील का जन्म  22  सप्टेंबर1887  मे महाराष्ट्र के कोल्हापूर जिले  के            कुंभोज  गाव मे हुआ था.

2) कर्मवीर भाऊराव पाटील का गाव  महाराष्ट्र के सांगली जिल्हे मे     ये तवडे      था.

3) कर्मवीर भाऊराव पाटील  के पत्नी का नाम लक्ष्मीबाई था



4) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने  पत्नी लक्ष्मीबाई के गहने बेचकर  वसतिगृह चलाया था.

5) कर्मवीर भाऊराव पाटील के पिताजी का नाम पायगोंडा पाटील और मा का नाम गंगाबाई        था.

6) कर्मवीर भाऊराव पाटील का प्राथमिक शिक्षण विटे  इस गाव मे हुआ था.

7) कर्मवीर भाऊराव पाटील का माध्यमिक शिक्षण कोल्हापूर के राजाराम माध्यमिक स्कूल मे     हुआ था.

8) कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने 1910  मे  सांगली जिल्हे के दूध गाव मे  दुधगाव विद्या प्रसारक     मंडळ की  स्थापना की थी.

9) कर्मवीर भाऊराव पाटील  सत्यशोधक समाज के एक महत्त्वपूर्ण कार्यकर्ता  थे.

10) कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने 1919 मे सातारा जिल्हे के   कार्ले गाव मे  रयत शिक्षण संस्था        की स्थापना की थी.

 11) कर्मवीर भाऊराव पाटील  को  भारत सरकारने 1959  मे पद्मभूषण   देक र  उनके कार्य         का गौरव किया था.

12) बहुजन समाज के लोगो ने  भाऊराव पाटील के Educational  कार्य के योगदान के लिए        उनको  कर्मवीर  पदवी  बहाल कि  थी.

13) कर्मवीर भाऊराव पाटील'  को  डि. लीट'. इस पदवी से  पुना विद्यापीठ ने सन्मानित किया         था.

 14) कर्मवीर भाऊराव पाटील का निधन 9   मे 1959  मे महाराष्ट्र के  पुना शहर मे हुआ था.                                                       


                                                         प्राचीनतम कालखंड



                                                         प्राचीन कालखंड मे समाज मे   जात , धर्म , वंश , वर्णभेद के आधार पर  Education  मिलता था. समाज के दिन दलित , गरीब और किसान  के बच्चो को Education  का हक नही  था .समाज मे परिवर्तन लाने के लिए Education  सबको मिलना बहुत जरुरी है. जब तक  दीन दलित बहुजन समाज      और किसानों को Education  नही मिलेगा तब तक समाज मे विकास नही हो सकता इसलिये  कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने  महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र मे  गाव गाव मे  स्कूल स्थापन करने  के लिये  रयत शिक्षण संस्था की स्थापना की थी. कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने  ग्रामीण क्षेत्र मे  ज्ञान की गंगा  गाव गाव मे  पहुचाने के लिए  रयत शिक्षण संस्था के माध्यम से  प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल ग्रामीण क्षेत्र मे   खोलकर Education  का महान कार्य करने के लिए  उनको "आधुनिक भगीरथ"  कहा जाता है.




                                कर्मवीर भाऊराव पाटील के शैक्षणिक विचार




                                                 महात्मा गांधी , महात्मा ज्योतिबा फुले  व छत्रपती  शाहू महाराज  के शैक्षणिक  और सामाजिक  विचारो का प्रभाव  कर्मवीर भाऊराव पाटील  पर पड गया था. छत्रपती शाहू महाराज  के Educational  विचारो  से  कर्मवीर भाऊराव पाटील बहुत प्रभावित  हो गये थे. समाज मे परिवर्तन लाने के लिए Education  दीन दलित बहुजन समाज और किसानों को मिलना बहुत जरुरी है.Education  समाज परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण साधन   हे.



                                                          छत्रपती शाहू महाराज



               कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने  बहुजन समाज के लोगो को                                 Educational  मूलमंत्र दिया था .
            

                                                      "कमावो और सिखो "



                   "स्वावलंबी शिक्षा" यही रयत शिक्षण संस्था  ब्रीद  हे.




                           Earn While you Learn   इन  तत्व का पालन  करना

                                                        बहुत जरुरी है.

    
                               कर्मवीर  भाऊराव पाटील  को "आधुनिक भगीरथ "के नाम से  महाराष्ट्र

 की जनता  जानती  है. महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र  मे  रयत शिक्षण संस्था के माध्यम से  ज्ञान की

 गंगा पहुचाने का  महान कार्य  कर्मवीर भाऊराव   पाटील ने किया था इसलिये उनको

                                          ''  कर्मवीर "कहा  जा ता है.




                                                     कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने महाराष्ट्र के  ग्रामीण क्षेत्र मे  गाव गाव

 स्कूल खोल दिया था. ग्रामीण क्षेत्र मे शिक्षा की कोई सुविधा नही थी. अज्ञान और अंधश्रद्धा के कारण गाव

 गाव मे  जात ,धर्म ,वंश , वर्णभेद का पालन होता था . महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र मे परिवर्तन लाने के लिए

Education बहुत जरुरी था  इसलिये अगर Education  लेनेका है तो खुद मेहनत  करके   कमlओ 

  और  सिखो  ऐसा महान संदेश  कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने दिया था. ग्रामीण क्षेत्र के Education  के

 लिए उनका योगदान बहुत बडा  था इसलिये  कर्मवीर भाऊराव पाटील को     ग्रामीण  शिक्षा   

  आंदोलन के जनक कहा जाता है.



                   कर्मवीर भाऊराव पाटील शिक्षा को ही  अपना कर्म                             मानते थे  और  समाज सेवा को ही  धर्म मानते थे .                                      





                           कर्मवीर भाऊराव पाटील का शैक्षणिक योगदान


1) कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने  महाराष्ट्र के सांगली जिल्हे के  दुधगाव मे 1910  मे "  दुधगाव      विद्या प्रसारक  मंडळ " की स्थापना की थी.

2) कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने दुधगाव मे " दुधगांव विद्यार्थी आश्रम "की शुरुवात की थी.

3) कर्मवीर भाऊराव पाटील मे दुधगाव के  हॉस्टेल मे  मराठा,  महार , मुसलमान  ,मांग  जात     के विद्यार्थियों  की  रहने की व्यवस्था की थी.

4) कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने 1919  मे  सत्यशोधक परिषद अधिवेशन मे  ग्रामीण क्षेत्र मे          शिक्षण संस्था स्थापन करणे का  प्रथम आग्रह किया था.

5) कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने 5  ऑक्टोबर 1919  मे सातारा जिल्हे के  क-हाड  गाव के             पास  कार्ले गाव मे" रयत शिक्षण संस्था " की  स्थापना  कि  थी.

6) कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने 1924  मे  सभी जात धर्म, वंश, पंथ  के विद्यार्थियों के लिए          सातारा शहर मे  छत्रपती शाहू महाराज बोर्डिंग हाऊस की स्थापना की थी.

 7) कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने 1932  मे  पूना शहर मे  "युनियन बोर्डिंग  हाऊस " की              स्थापना की थी.

8) 1933  मे  कर्मवीर भाऊराव पाटील के  शाहू महाराज बोर्डिंग को  बडोदा के सयाजीराव         गायकवाड महाराज  ने आर्थिक मदत कि थी.

9) अध्यापक  को प्रशिक्षण देने के लिए  कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने 1935  मे सातारा शहर           मे   सिल्व्हर   जु बिली  रुरल  ट्रेनिंग कॉलेज की  स्थापना की थी.

10) कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने 1937  मे  सातारा जिल्हे के ग्रामीण क्षेत्र मे  प्राथमिक शिक्षा          का आरंभ किया था.

11) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने  रयत शिक्षण संस्था के माध्यम से 1938  मे 61  प्राथमिक                 स्कूल की स्थापना की थी.

12) 1938  मे  रयत शिक्षण संस्था की माध्यम से पहिली बार  व्हॉलंटरी  प्राथमिक स्कूल की          शुरुवात  यवतेश्वर  इस  ग्रामीण क्षेत्र से शुरू वात  कि   थी.

13) कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने 1940  मे  सातारा शहर मे  पहिला माध्यमिक स्कूल "                महाराजा सयाजीराव गायकवाड  फ्री  अँड रेसिडेन्शियल  हायस्कूल  "की शुरुवात की       थी.

14)    1940    रयत शिक्षण संस्था के माध्यम से 168 प्राथमिक स्कूल की शुरुवात की थी.

15) कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने 1942  मे  जिजामाता अध्यापक स्कूल की स्थापना की थी.

16) 1947   मे  कर्मवीर भाऊराव पाटील ने  सातारा शहर मे  छत्रपती शिवाजी महाराज 
     महाविद्यालय  की स्थापना करके  महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र मे  उच्च शिक्षा देने वाला  बम्बई 
     प्रांत का पहिला महाविद्यालय सातारा शहर मे खोलकर  उच्च शिक्षा का आरंभ किया था.


17) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1949  मे" रयत शिक्षण संस्था "के माध्यम से 578  प्राथमिक       स्कूल की स्थापना की थी.

18) कर्मवीर भाऊराव पाटील ने 1954  मे  उच्च शिक्षा देने के लिए  कराड  शहर मे  दुसरा           महाविद्यालय  संत गाडगे महाराज नाम  से खोल दिया था.


19) 1955  मे  मौलाना आझाद नाम से सातारा शहर मे बी . एड. कॉलेज की शुरुवात की थी.


                                                                 रयत शिक्षण संस्था की  महाराष्ट्र   के कोल्हापूर , रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग , सातारा, सांगली , सोलापूर, पुणे , ठाणे , रायगड , मुंबई , अहमदनगर  ,नाशिक , बीड  जिल्हे मे  शाखा का विस्तार हो गया है . रयत शिक्षण संस्था के  320  हायस्कूल ,29  महाविद्यालय ,572  प्राथमिक स्कूल और वस्तीग्रह   है .  रयत शिक्षण संस्था  महाराष्ट्र और भारत की सबसे बडी शिक्षण संस्था नही  बलकी  पुरे आशिया खंड मे  इतनी बडी संस्था नही है . रयत शिक्षण संस्था का मुख्य कार्यालय  सातारा शहर मे है . कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने महाराष्ट्र के  ग्रामीण क्षेत्र मे शिक्षा का बहुत बडा योगदान दिया था   मगर भाऊराव पाटील अपने आप को  रयत सेवक ही मानते थे  इसलिये उनको कर्मवीर कहा जाता है.



                                  इस महान  थोर समाज सुधारक, बहुजन उद्धारक,रयत सेवक ,

                                                      रयत शिक्षण संस्था के संस्थापक को

                                                                 विनम्र अभिवादन



                                        इस आर्टिकल   मे  महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र मे  शिक्षा की गंगा  पहुचाने  वाले   एक महान थोर समाज सुधारक , विचारवंत , रयत शिक्षण संस्था के संस्थापक  कर्मवीर भाऊराव पाटील  ने  प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक स्कूल , उच्च महाविद्यालय , वरिष्ठ महाविद्यालय खोलकर  ग्रामीण क्षेत्र मे रहने वाले  विद्यार्थियों के लिए  उच्च शिक्षा के लिए जो योगदान उन्होने दिया था  उनकी जानकारी देने का मैने प्रयास किया है . मुझे यकीन है की आप सभी को  मेरा यह आर्टिकल बहुत पसंद आनेवाला है . इस आर्टिकल से मिलने वाली जानकारी आपके किसी  दोस्त के काम आ सकती है इसलिये  आप सभी दोस्तो को  शेअर करते रहना ........ शेअर करते रहना............................................. फिर मिलते है ..... फिर मिलते है . नये आर्टिकल के साथ ,........... नीचे दिये हुये  लिंग को क्लिक करके ....................................................................

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                                            आप अधिक जानकारी पा सकते है. फिर मिलेंगे.


                                                        Thanks All friends





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राजा राममोहन रॉय

                                                                                                                                राजा  राममोह...