राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत देश को आजादी देनेवाले देशभक्त , थोर समाज सुधारक, महामानव, अहिंसा के पुजारी जिसका नाम पूरी दुनिया मे गुंज कर भारत देश मे स्वतंत्रता संग्राम का आंदोलन करके भारत देश को आजादी देनेवाले , जिसका नाम भारत देश के इतिहास मे सुनहरी अक्षरो मे लिखा जाता है वह नाम है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी .
भारत देश के स्वतंत्रता संग्राम मे लोकमान्य टिळक, लाला लजपत राय, गोपाळ कृष्ण गोखले , सरदार वल्लभ भाई पटेल, स्वातंत्र्यवीर सावरकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू , डॉ .बाबासाहेब आंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादूर शास्त्री, हुतात्मा भगतसिंग और महात्मा गांधी का योगदान बहुत बडा है .
भारत देश मे आर्थिक ,सामाजिक , शैक्षणिक , सांस्कृतिक और राजकीय परिवर्तन लाने मे महात्मा गांधी का योगदान बहुत बडा है . भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी का स्थान बहुत अहम है . लोकमान्य टिळक के निधन के बाद भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी के पास आया था. भारत के स्वतंत्रता संग्राम मे जिस व्यक्ती का नाम सुनारी अक्षरो मे लिखा जाता है वह नाम है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी .
महात्मा गांधी ने सत्य , अहिंसा , मानवताऔर सत्याग्रह के मार्ग पर ब्रिटिश साम्राज्यशाही के विरुद्ध जो आंदोलन किया था वह मानवी समाज के इतिहास का अभूतपूर्व आंदोलन माना जाता है . "भगवान बुद्ध के बाद सत्य, अहिंसा का इतना बडा पुजारी हो ही नही सकता "ऐसा रवींद्रनाथ टागोर का कहना था.
भारत देश के एक थोर समाज सुधारक, स्वातंत्र्य योद्धे, शिक्षण तज्ञ, राजकीय विचारवंत , अस्पृश्यता उद्धारक ,धर्म वक्ते ,अर्थतज्ञ और मानवता के पुरस्कर्ता राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को माना जाता है.
विनोबा भावे महात्मा गांधी के बारे में कहते है की
"वैयक्तिक सत्याग्रह के पहिले सत्याग्रही महात्मा गांधी ही है"
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संपर्क में जो भी व्यक्ति आता है उस मे विर , नेता और देश के लिये बलिदान करने की आत्मिक शक्ती निर्माण होती है . जो भी व्यक्ती महात्मा गांधी के संपर्क मे आता है उसको उनकी महानता का अहसास होता है.
प्राचीनतम कालखंड
भारत देश मे जातिभेद, वर्णभेद ,वंशभेद और अस्पृश्यता पालन जैसी अनेक समस्या यहा पर गंभीर बन गई थी. Education लेने का हक सिर्फ उच्चवर्णीय को ही था. बहुजन समाज और अस्पृश्यता के लोगो को Education का हक नही था इसलिये समाज मे परिवर्तन लाने के लिए Education सबको मिलना बहुत जरुरी है . समाज के सर्वांगीन विकास के लिये शिक्षा पद्धती मे सुधार होना बहुत जरुरी है ऐसे विचार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के थे .
"अस्पृश्यता को मिटा ना ही मेरे जीवन का एक लक्ष हे. अस्पृश्यता मिटाने के लिये मुझे मौत भी आ गई तो मे हस्ते हस्ते मौत का सामना करूँगा , मुझे अगला जनम भी अस्पृश्यता मे मिलेगा तो मुझे बहुत खुशी होगी " ऐसे महान विचार अस्पृश्यता के बारे मे महात्मा गांधी के थे.
"हिंदू धर्म मे जन्म लेने वाले किसी को भी अस्पृश्य मानना बहुत बडा पाप है" ऐसे विचार महात्मा गांधी के थे.
अस्पृश्य लोगो की सेवा करना है मेरे जीवन का लक्ष्य है. मंदिर मे पूजा करने का हक हरिजन को होना चाहिए उनको स्कूल मे प्रवेश मिलना चाहिए और उच्च शिक्षा का अधिकार भी होना चाहिये . अस्पृश्यता का निवारण करणा ही स्वराज्य का मुलभूत अंग हे
महात्मा गांधी के शिक्षा विषयक विचार
जब तक समाज के बहुजन , दीन दलित अस्पृश्य लोगो को Education नही मिलेगा तब तक समाज का विकास नही होगा . Education का मतलब हे सर्वांगिन विकास . जब शरीर, मन और आत्मा का विकास होगा तभी सर्वांगिन विकास होगा . अपनी मातृभाषा मे सबको Education मिलना चाहिये. महीला को शिक्षा का अधिकार हो मिलना चाहिए.
अध्यापक विद्यार्थी का सच्चा दोस्त हो ना चाहिये. अध्यापक चारित्र्यवान , धार्मिक वृत्ती , राष्ट्राभिमानी और मातृभाषे पर प्रेम करणे वाला चाहिये.
शिक्षा मे मराठी हिंदी ,संस्कृत , गणित, शारीरिक शिक्षा , इतिहास , भूगोल, नागरिक शास्त्र, संगीत, चित्रकला, कृषी, विणकाम, सुतार काम, बाग काम, शिशू संगोपन, बाल मानसशास्त्र इन विषय का ज्ञान जब स्कूल मे मिलेगा तब भी सर्वांगीन विकास होगा.
"मैंने हिंदुस्तान को आज तक जो बहुत सी चीजे दि है, उन सब मे शिक्षा की योजना और पद्धती सबसे बडी चीज है और मै नही मानता की इस्से ज्यादा अच्छी कोई चीज मै देश को दे सकुंगा " राष्ट्रपिता महात्मा गांधी.
Education:- Head,Heart and Hand का सर्वांगीण विकास होना ही शिक्षा का मूलभूत अर्थ हे.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी.
1) सभी को शिक्षा लेने का अधिकार मिलना चाहिए.
2) मातृभाषा मे शिक्षा सभी को मिलनी चाहिये.
3) महिला को शिक्षा लेने का अधिकार होना चाहिये.
4) शिक्षा से धार्मिक सहिष्णुता, चारित्र्य संवर्धन और श्रम प्रतिष्ठा मिलनी चाहिये.
5) स्कूल से जीवन मे उपयुक्त होनेवाली शिक्षा मिलनी चाहिये.
महात्मा गांधी का परिचय
1) महात्मा गांधी का जन्म 2 ऑक्टोबर 1869 मे भारत के गुजरात राज्य के पोरबंदर शहर मे हुआ था.
2) महात्मा गांधी का नाम मोहनदास करमचंद गांधी था.
3) महात्मा गांधी के पिताजी का नाम करमचंद और मा का नाम पुतळाबाई था.
4)1887 मे महात्मा गांधी मॅट्रिक की परीक्षा पास हो गये थे.
5)1891 मे महात्मा गांधी ने इंग्लंड मे बॅरिस्टर की पदवी प्राप्त कर के भारत में आ गये .
6) महात्मा गांधी की पत्नी का नाम कस्तुरबा गांधी था.
कस्तुरबा गांधी
7)1915 मे महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आश्रम की स्थापना साबरमती मे की थी.
8) महात्मा गांधी ने 1920 मे असहयोग आंदोलन कि शुरुवात की थी.
9) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम मे महात्मा गांधी का योगदान बहुत बडा था इसलिये उनको भारत का राष्ट्रपिता माना जाता है.
10) मोहनदास करमचंद गांधी को "महात्मा "पदवी भारतीय लोगो ने दि थी.
11) महात्मा गांधी को 30 जनवरी 1948 मे नथुराम गोडसे ने गोली मारी थी.
12) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का निधन 1948 मे हो गया था.
महात्मा गांधी का सामाजिक और राजकीय क्षेत्र का योगदान
1) महात्मा गांधी ने 1894 मे नाताळ इंडियन कांग्रेस की स्थापना की थी.
2) महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण्य के किसानो के हित के लिये 1917 मे आंदोलन किया था
चंपारण्य आंदोलन3) महात्मा गांधी ने गुजरात के खेडा जिल्हे मे 1917 मे ब्रिटिश के विरुद्ध साराबंदी का आंदोलन किया था.
4) महात्मा गांधी ने अहमदाबाद के कापड गिरणी कामगार के हित के लिये 1918 मे आंदोलन किया था.
5) 1920 मे लोकमान्य टिळक का निधन होने के बाद राष्ट्रीय सभा का नेतृत्व महात्मा गांधी के पास आ गया था.
6) 1924 मे बेळगाव मे जो राष्ट्रीय सभा का अधिवेशन हो गया था उसके अध्यक्ष महात्मा गांधी थे.
7) महात्मा गांधी ने 1930 मे "सविनय कायदेभंग आंदोलन "कि शुरुवात की थी.
8) महात्मा गांधी ने " नमक सत्याग्रह "के लिए गुजरात के साबरमती आश्रम से अपने असंख्य कार्यकर्ता के साथ 5 एप्रिल 1930 मे गांधीजी ने दांडी गाव मे कायदेभंग आंदोलन किया था.
दांडी यात्रा
9) महात्मा गांधी की दांडी यात्रा "साबरमती से दांडी" तक 385 कि. मी. की थी.
10) महात्मा गांधी ने 1932 मे "अखिल भारतीय हरिजन सेवक संघ "की स्थापना की थी.
11)महात्मा गांधी ने स्वदेशी का पुरस्कार किया था.
12)1932 मे महात्मा गांधी और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के बीच मे " पुणे करार "
हो गया था.
पुणे करार
13) महात्मा गांधी ने 1933 मे " हरिजन "नाम के साप्ताहिक की शुरुवात की थी
14) महात्मा गांधी ने वर्धा मे सेवाग्राम आश्रम की स्थापना 1934 मे की थी .
15) महात्मा गांधी ने बाल विवाह का विरोध करके महिला शिक्षा, महिला स्वातंत्र्य, विधवा पुनर्विवाह का पुरस्कार किया था.
16) महात्मा गांधी ने सती प्रथा , बालविवाह , दहेज, जाती भेद, वर्णभेद, वंशभेद, अंधश्रद्धा, अस्पृश्यता पालन को कठोर विरोध किया था.
17) महात्मा गांधी ने दारू और मादक द्रव्य सेवन के लिए विरोध किया था.
18) महात्मा गांधी ने ब्रिटिश को 1942 मे" चले जाओ "का नारा दिया था.
चले जाओ आंदोलन
19) भारत के स्वतंत्रता संग्राम मे महात्मा गांधी ने "करेंगे या मरेंगे "का नया मूलमंत्र दिया था.
20) भारत के स्वतंत्रता संग्राम मे महात्मा गांधी की भूमिका अहम थी इसलिये उनको "भारत के राष्ट्रपिता "माना जाता है.
भारत के स्वतंत्रता संग्राम मे जिस का नाम सुनहरी अक्षरो मे लिखा जाता है वह नाम है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी. इस महान थोर समाज सुधारक को
विनम्र अभिवादन
इस आर्टिकल मे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम मे महात्मा गांधीजी ने जो योगदान दिया था उनकी जानकारी देने का मैने प्रयास किया है. मुझे यकीन है की सभी दोस्तो को मेरा यह आर्टिकल बहुत पसंद आनेवाला है इसलिये यह जानकारी अपने दोस्तो को भी मिलनी चाहिए . मेरे प्यारे दोस्तों यह जानकारी अपने दोस्त के किसी काम आ सकती है इसलिये शेअर करते रहना...................................................
फिर मिलेंगे नये आर्टिकल के साथ.................................................
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Thanks All Friends
गांधीजी ब्लॉग very nice , आज उनके विचार की सख्त जरूरत है....
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